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मुख्य समाचार

फ़ौरन बंद करें इन 6 दवाइयों का सेवन, जांच में हुईं फेल

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नई दिल्ली। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के ताजा ड्रग अलर्ट में देशभर की 37 दवाओं में से हिमाचल के बीबीएन में स्थापित छह उद्योगों की दवाओं के सैंपल जांच में फेल हो गए है।

इस ताजा अलर्ट के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने हिमाचल की फार्मा कंपनियों को नोटिस जारी कर तत्काल पूरा स्टॉक बाजार से हटाने का आदेश जारी कर दिया है।

सीडीएससीओ द्वारा करवाई गई जांच में प्रदेश के नामी दवा उद्योगों में निर्मित दवाओं की जांच सीडीएल कोलकता, आरडीटीएल गुवाहटी, सीडीटीएल मुंबई, आरडीटीएल चंडीगढ़ में हुई है।

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राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाहा ने कहा कि प्रदेश के जिन उद्योगों के सैंपल फेल हुए हैं, उनका बैच मार्केट से वापस मंगवाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

इन उद्योगों की निर्मित दवाएं जांच में हुई फेल
ऑयोन हैल्थकेयर बद्दी की दवा डूलैक्स- रक्त वाहिनी प्रभाव बढ़ाने के लिए।
हनुकैम लैबोरेट्रीज मानपुरा की एजीथ्रोमाईसिन ओरल- एंटीबायोटिक।
अलाईंस बायोटेक काठा की पैनट्रापजोल सोडियम फॉर इंजेक्शन- गै‌स्टिक समस्या के लिए।

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अल्ट्राटैक फार्मा टिप्परा बरोटीवाला की डोटोव-80- पेट दर्द, आंतों के विकार और गुर्दे के लिए।
ओयसिस फार्मा लोदीमाजरा की कैलसिटस-डी- ताकत के लिए।
यूनिसन फार्मा ईपीआईपी फेस-1 झाड़माजरी की मैटोप्रोलॉल- ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए।

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नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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