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मनोरंजन

‘हैलो नान’ में काम करना आसान नहीं था : वैभव रेड्डी

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चेन्नई| डरावनी-हास्य तमिल फिल्म ‘हैलो नान पेई पेसुरेन’ की रिलीज का इंतजार कर रहे अभिनेता वैभव रेड्डी ने कहा कि फिल्म में काम करना मजेदार तो था, लेकिन यह थकाने वाला भी था। वैभव ने कहा, “डरावनी फिल्म में काम करना आसान नहीं है। इसमें काफी मेहनत की जरूरत होती है। हालांकि ‘हैलो नान’ में काम करने में मुझे मजा आया, लेकिन मुझे इसके लिए अन्य फिल्मों से कहीं ज्यादा मेहनत करनी पड़ी।”

एस भास्कर द्वारा निर्देशित इस फिल्म में ऐश्वर्या राजेश, ओविया और वीटीवी गणेश मुख्य भूमिकाओं में हैं।

वैभव ने कहा, “हमें हर चीज की कल्पना करके ही अभिनय करना था। किसी चीज को देखकर उस पर प्रतिक्रिया करना आसान होता है, लेकिन बिना किसी चीज को देखे डरने का अभिनय करना बेहद मुश्किल है। हमें चीखना, चिल्लाना और गिरना था। इसमें काफी शारीरिक ऊर्जा की जरूरत होती है।”

वैभव को अपने किरदार के लिए नया उच्चारण भी सीखना पड़ा।

वैभव को फिल्म में अपना नृत्य कौशल दिखाने का भी मौका मिला।

फिल्म को दिसम्बर में रिलीज किए जाने की योजना है।

प्रादेशिक

13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा

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मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले प‍िता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।

बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।

लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।

बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।

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