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स्मृति ईरानी अमेठी पहुंचीं, किसानों से मुलाकात की
लखनऊ/अमेठी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटीं केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी मंगलवार को यहां किसानों के बीच हैं। प्रदेश सरकार के खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति भी अमेठी आने का कार्यक्रम बना चुके हैं। अमेठी से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुकीं स्मृति ईरानी मंगलवार सुबह करीब सात बजे केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बाल्यान के साथ लखनऊ पहुंचीं।
इसके बाद सड़क मार्ग से सुबह साढ़े नौ बजे अमेठी पहुंच गईं। उन्होंने सीधे किसानों का रुख किया। स्मृति यहां किसानों की समस्याएं सुन रही हैं। उन्होंने तिलोई के फतेहपुर राजा गांव में फसल बर्बाद होने के सदमे से जान गंवाने वाले एक किसान के परिवार से मुलाकात की। वह अमेठी में करीब नौ घंटे तक रहेंगी। इस दौरान उनका किसानों के साथ ही पार्टी कार्यकर्ता व अन्य लोगों से मिलने का कार्यक्रम है। अमेठी में चार विधान सभाओं में किसान पंचायत का आयोजन होगा। दोनों मंत्री शाम को दिल्ली रवाना होंगे।
उधर, लोकायुक्त की जांच के घेरे में आए उत्तर प्रदेश के खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति अमेठी के दो विधानसभा क्षेत्रों में जाकर ट्राईसाइकिल वितरित करेंगे। उनका कार्यक्रम एक हजार ट्राई साइकिल बांटने का है। सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी 18 व 19 मई को अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में होंगे।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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