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स्तनपान शिशुओं, माताओं के लिए वरदान : विशेषज्ञ
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नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)| स्तनपान 21वीं सदी में अपने निचले स्तर पर पहुंच गया है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, ज्यादातर देशों में प्रथम छह महीने में सिर्फ स्तनपान कराने की दर 50 प्रतिशत से भी नीचे है। इस स्थिति की गंभीरता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि अब हम जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल एक अगस्त से आठ अगस्त तक स्तनपान सप्ताह मनाते हैं। आईवीएच सीनियर केयर में वरिष्ठ न्यूट्रिशन एडवाइजर डॉक्टर मंजरी चंद्रा ने कहा, गर्भधारण से शुरू होकर दूसरे जन्मदिन तक जीवन के प्रथम हजार दिनों में पोषण की आपूर्ति से दीर्घकालीन स्वास्थ्य की नीव पड़ती है। स्तनपान इस प्रारंभिक पोषण का एक आवश्यक हिस्सा है, क्योंकि मां का दूध पोषक तत्वों और बायोएक्टिव निर्माण कारकों का एक बहुआयामी मिश्रण है, जो जीवन के शुरुआती छह महीनों में एक नवजात शिशु के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि मां का दूध मैक्रोन्यूट्रिएंट्स, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, बायोएक्टिव घटकों, वृद्धि के कारकों और रोग प्रतिरोधक घटकों का एक मिश्रण होता है। यह मिश्रण एक जैविक द्रव पदार्थ है, जिससे आदर्श शारीरिक और मानसिक वृद्धि में मदद मिलती है और बाद के समय में शिशु को मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बीमारी की आशंका खत्म हो जाती है।
चंद्रा के अनुसार, जिन बच्चों को केवल मां का दूध नहीं दिया जाता है, उन्हें संक्रमण का खतरा होता है और उनका आईक्यू भी कम रह सकता है। उनकी सीखने की क्षमता कम होती है और स्कूल में उन बच्चों के मुकाबले उनका प्रदर्शन कमजोर रहता है, जिन्हें पहले छह महीने सिर्फ मां का दूध मिला है।
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल दो करोड़ से अधिक शिशुओं का वजन जन्म के समय 2.5 किलोग्राम से कम रहता है और दुर्भाग्य से इनमें से 96 प्रतिशत विकासशील देशों में हैं। बचपन में इन शिशुओं में सामान्य विकास में कमी, संक्रामक बीमारी, धीमी वृद्धि और मृत्यु होने का जोखिम अधिक होता है। ऐसे पर्याप्त प्रमाण मिले हैं जिनसे इन शिशुओं में जीवन के प्रथम 24 घंटों में स्तनपान का महत्व उजागर होता है। जिन शिशुओं को जन्म के 24 घंटे के भीतर स्तनपान कराया जाता है, उनमें उन बच्चों के मुकाबले मृत्यु दर कम देखने को मिली है, जिन्हें 24 घंटे बाद स्तनपान कराया जाता है।
वरिष्ठ शिशु चिकित्सक और ब्रेस्टफीडिंग प्रमोशन नेटवर्क ऑफ इंडिया (बीपीएनआई) के संयोजक डॉक्टर अरुण गुप्ता के मुताबिक, स्तनपान बच्चे के स्वास्थ्य, उसके जीवित रहने और विकास के लिए आवश्यक है। इसके बावजूद भारत में हर पांच में से तीन महिलाएं जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान शुरू करने में समर्थ नहीं हैं। केवल एक-दो महिलाएं ही प्रथम छह महीने तक अपने बच्चे को केवल अपना दूध पिलाती हैं। इसकी वजह यह है कि महिलाओं को घर, दफ्तर और अस्पतालों में स्तनपान के लिए विभिन्न अड़चनों का निरंतर सामना करना पड़ता है।
डॉ. चंद्रा ने कहा, स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रतिदिन उन विटामिन सप्लीमेंट्स को लेना जारी रखने की सलाह दी जाती है, जो उन्होंने प्रसव पूर्व लिया था। विटामिन मां के दूध में स्रवित होते हैं और मां के शरीर में पोषक तत्वों की कमी से सीधे तौर पर उनका दूध प्रभावित होता है। शाकाहारी माताओं को विटामिन डी, बी12 और कैल्शियम की भी आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा, स्तनपान कराना माताओं के लिए भी समान रूप से महत्वपूर्ण है और इससे कई अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन लाभ हैं। माताओं को तत्काल होने वाले लाभों में प्रसव के उपरांत वजन में कमी और मां एवं शिशु के बीच गहरा रिश्ता शामिल है। गर्भावस्था के समय गर्भाशय में नए जीवन को सहयोग के लिए कई शारीरिक बदलाव होते हैं। गर्भावस्था के दौरान शरीर हाइपरलिपिडेमिक और इंसुलिन रोधक चरण से गुजरता है, जिससे बाद के जीवन में ह्रदय रोग और टाइप-2 मधुमेह की आशंका बढ़ती है। स्तनपान से लंबे समय में मेटाबॉलिक और ह्रदय की बीमारियांे का जोखिम घटते देखा गया है और यह टाइप-2 मधुमेह के जोखिम में 4-12 प्रतिशत की कमी लाने से जुड़ा है।
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टेनिस : दुबई चैम्पियनशिप में सितसिपास ने मोनफिल्स को हराया
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दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)| ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया।
वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।
यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया।
फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी।
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