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‘सेमीफाइनल में भारत को खलेगी रियाज जैसे गेंदबाज की कमी’

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सिडनी | भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाजी कोच जोए डावेस ने संदेह जताया है कि आस्ट्रेलिया के खिलाफ गुरुवार को खेले जाने वाले आईसीसी विश्व कप-2015 के सेमीफाइनल मैच में मौजूदा चैम्पियन को पाकिस्तान के वहाब रियाज जैसे बेहतरीन गेंदबाज की कमी खलेगी। डावेस ने साथ ही कहा कि बीते दिनों आस्ट्रेलिया के खिलाफ किया गया खराब प्रदर्शन भी भारतीय टीम पर मानसिक दबाव बनाने का कार्य करेगा।

गौरतलब है कि डावेस फरवरी-2012 से अक्टूबर-2014 के बीच भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच रहे थे। समाचार पत्र ‘सिडनी मॉर्निग हेराल्ड’ के अनुसार रियाज द्वारा विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में किया गया प्रदर्शन अभी भी टूर्नामेंट में चर्चा का विषय बना हुआ है। रियाज ने शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन करते हुए आस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर और कप्तान माइकल क्लार्क को चलता किया था और शेन वाटसन को भी खूब परेशान किया। आस्ट्रेलिया हालांकि यह मैच छह विकेट से जीतने में कामयाब रहा और सेमीफाइनल में पहुंचा।

डावेस के अनुसार भारतीय टीम में उमेश यादव, मोहम्मद समी और मोहित शर्मा जैसे गेंदबाज हैं जिन्होंने हाल में शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन महेंद्र सिंह धौनी की टीम को रियाज जैसे गेंदबाज की कमी खलेगी। डावेस के अनुसार बाएं हाथ के तेज गेंदबाज इस विश्व कप में बहुत सफल रहे हैं, लेकिन भारत के पास ऐसा कोई गेंदबाज नहीं है जो रियाज जैसा प्रदर्शन कर सके।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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