Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

सीरिया : विद्रोहियों के हमले में 13 की मौत

Published

on

syria_Attack

Loading

दमिश्क। सीरिया के अलेप्पो शहर में सरकार के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में विद्रोहियों के ताजा हमलों में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। यह जानकारी मीडिया रिपोर्टों से मिली।

सोमवार शाम अलेप्पो के पश्चिम में मोगेम्बो जिले में आवासीय इमारतों पर रॉकेटों से हमले हुए, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। हमले में ध्वस्त इमारतों के मलबे में दबे लोगों को निकालने लिए बचाव कार्य जारी है।

अलेप्पो के ही अन्य सरकार नियंत्रित जिलों में सोमवार को हुई हुई गोलाबारी की दूसरी घटनाओं में 10 नागरिकों की मौत हो गई, जिनमें अधिकतर बच्चे थे। अलेप्पो के पूर्वी हिस्सों में कब्जा किए हुए विद्रोहियों ने पश्चिमी हिस्से में सरकार के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में हमले तेज कर दिए हैं। क्षेत्र में भारी तबाही फैलाने के उद्देश्य से विद्रोही हाल के हमलों में भारी रॉकेटों का प्रयोग कर रहे हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

Continue Reading

Trending