अन्तर्राष्ट्रीय
सीरिया में आईएस के 14 आतंकवादी ढेर
दमिश्क| सीरिया में सरकार समर्थक मिलिशिया पॉपुलर रेजिसटेंस ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) के 14 आतंकवादियों को दैर अल-जौर प्रांत में मार गिराया। समाचार एजेंसी ने बुधवार को यह जानकारी दी कि आईएस के आतंकवादी डेर अल-जौर के अशारा और स्वैदन कस्बों में मार गिराए गए।
मिलिशिया समूह ने कई कस्बों से आईएस के छह अन्य आतंकवादियों को गिरफ्तार भी किया है।
सीरिया के तेल समृद्ध प्रांत में हाल ही में गठित सरकार समर्थक पॉपुलर रेजिसटेंस समूह ने बीते महीनों में आईएस आतंकवादियों के खिलाफ कई हमले किए।
सप्ताह की शुरुआत में मिलिशिया समूह ने डेर अल-जौर में आईएस के वाहन पर घात लगाकर हमला किया और तीन आतंकवादियों को मार गिराया था।
इस बीच, सीरियन ऑब्जरवेट्री फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि डेर अल-जौर के रशिदियेह एवं जबैलेह के आसपास आईएस और सरकार समर्थक समूहों के बीच मंगलवार को फिर से संघर्ष शुरू हो गया है। हालांकि अब तक लोगों के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है।
संस्था के मुताबिक सीरियाई वायु सेना ने भी डेर अल-जौर के बु हसन शहर में आईएस के ठिकाने पर हमला किया और एक आतंकवादी को मार गिराया।
डेर अल-जौर प्रांत पर आईएस का कब्जा सामरिक दृष्टि से उनके लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह क्षेत्र सीरिया-इराक सीमा पर स्थित है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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