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साइको किलर उदयन ने इटारसी से बनवाया था मां का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट!

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udyan newभोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रेमिका और छत्तीसगढ़ के रायपुर में मां-बाप की हत्या कर शवों को दफनाने वाले उदयन दास द्वारा होशंगाबाद जिले के इटारसी से मां की मृत्यु का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने का मामला सामने आया है। फिलहाल नगरपालिका इटारसी का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

सूत्रों के मुताबिक, उदयन ने पांच फरवरी 2013 में इटारसी की नगरपालिका से मां इंद्राणी की सामान्य मृत्यु का प्रमाण पत्र बनवाया था। इस फर्जी प्रमाण पत्र को बनवाने में एक नर्स की अहम भूमिका थी। इस प्रमाण पत्र के आधार पर ही उदयन ने रायपुर का मकान बेचा था और उसके बाद भोपाल में मकान खरीदा था।

मां की मृत्यु का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने का मामला सामने आने के बाद से इटारसी नगरपालिका में हडक़ंप मचा हुआ है। नपा का कोई अधिकारी इस मसले पर बात करने को तैयार नहीं है।

होशंगाबाद के पुलिस अधीक्षक आशुतोष प्रताप सिंह ने सोमवार को आईएएनएस से कहा, “अभी तक उनके पास फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की शिकायत नहीं आई है, शिकायत के आने पर पुलिस कार्रवाई करेगी।”

ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल के बांकुरा की श्वेता उर्फ आकांक्षा (28) की उदयन दास से फेसबुक के जरिए दोस्ती हुई थी। उसके बाद दोनों जून 2016 से भोपाल के साकेत नगर में लिव-इन-रिलेशन में रहने लगे। दिसंबर माह में दोनों के बीच विवाद हुआ तो उदयन ने श्वेता की गला घोंट कर हत्या कर दी और शव को घर में दफनाकर चबूतरा बना दिया था। वह इसी चबूतरे पर सोया करता था।

उदयन की हरकत का राज तब खुला जब श्वेता के परिजनों ने बांकुरा पुलिस में श्वेता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। बांकुरा पुलिस ने भोपाल पुलिस की मदद से साकेत नगर स्थित मकान से आकांक्षा का शव चबूतरा तोडक़र बरामद किया, वहीं आरोपी ने मां-बाप की वर्ष 2010 में हत्या कर उनके शवों रायपुर के मकान के बगीचे में दफनाने की बात स्वीकारी। पुलिस ने वहां खुदाई करके रविवार को दोनों के शवों के अवशेष बरामद कर लिए।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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