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सर्जिकल स्ट्राइक : चश्मदीदों का दावा- भारी गोलीबारी हुई, ट्रकों में भरकर लाशों को हटाया
नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक पर जारी राजनीति के बीच मीडिया रिपोटर््स में एक बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार एलओसी पार रहने वाले प्रत्यक्षदर्शियों ने 29 सितम्बर को आतंकी बेस कैम्पों पर हुई भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक का आंखों देखा हाल बताया है। इन लोगों का कहना है कि हमले में मारे गए आतंकियों के शवों को भोर से पहले ही ट्रक में लादकर ले जाया गया और उन्हें दफन कर दिया गया। मारे गए आतंकियों का अंतिम संस्कार बड़े ही गुपचुप तरीके से किया गया। चश्मदीदों ने यह भी बताया कि उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान वहां पर हुई भारी गोलाबारी की आवाज भी सुनी थी।
चश्मदीदों के बयान के बाद भारतीय सेना और उसके राजनीतिक नेतृत्व के उस दावे की पुष्टि होती है जिसमें उन्होंने आतंकी लॉन्च पैड के खिलाफ हमले किए जाने की बात कही थी। जबकि इससे पाकिस्तान के उस झूठ की कलई भी खुलती है जिसमें उन्होंने इससे इनकार किया था।
चश्मदीदों ने उन जगहों का विस्तृत रिपोर्ट भी बताई है जहां यह स्ट्राइक हुई, जिस पर अभी तक भारत सरकार और पाकिस्तान ने कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। एक चश्मदीद ने तो ये भी कहा कि जिहादियों के ठिकानों को तबाह कर दिया गया है। दोनों पक्षों के तरफ से भारी गोलीबारी भी हुई। हालांकि चश्मदीदों की गवाही और खुफिया रिकॉर्ड के मुताबिक स्ट्राइक में मारे गए लोगों की संख्या भारतीय अधिकारियों के साझा किए गए 38-50 के आंकड़े से कम हो सकती है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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