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अन्तर्राष्ट्रीय

समलैंगिक विवाह मुद्दे को लेकर बॉबी जिंदल पर मुकदमा

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वाशिंगटन | अमेरिका के लुसियाना में समलैंगिकों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक संगठन एवं अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (एससीएलयू) ने लुसियाना प्रांत में समलैंगिक विवाह के विरोधियों को संरक्षण देने का आदेश जारी करने पर प्रांत के गवर्नर बॉबी जिंदल पर मुकदमा कर दिया है। वेबसाइट ‘नोला डॉट कॉम’ के अनुसार, लुसियाना के विधानमंडल द्वारा समलैंगिकता विरोधियों को संरक्षण देने वाले एक विधेयक को पारित करने से इनकार कर दिए जाने के बाद जिंदल ने मई में धार्मिक स्वतंत्रता कार्यपालन आदेश जारी किया था, जिसमें समलैंगिकता विरोधियों को संरक्षण देने की बात कही गई है।

एसीएलयू व अन्य संगठनों का आरोप है कि जिंदल ने समलैंगिक विवाह के विरोधियों को संरक्षण और अधिकार देकर अपने ‘अधिकार क्षेत्र से बाहर’ जाकर काम किया है, जबकि ऐसा करने का अधिकार सिर्फ विधानमंडल के पास है। फोरम फॉर इक्वैलिटी फाउंडेशन के सदस्य सीन सुलिवन ने कहा, “गवर्नर का काम कानून बनना नहीं है। यहां अधिकारों के मुद्दे पर स्पष्ट बंटवारा है।” समलैंगिक हितधारक संगठनों का आरोप है कि जिंदल के कार्यकारी आदेश से भेदभाव और पक्षपात का माहौल ही बना है। जिंदल ने ऐसे लोगों को संरक्षण देने के उद्देश्य से कार्यकारी आदेश जारी किया था, जिन्हें समलैंगिक विवाह का समर्थन न करने पर कर लाभ, सरकारी सवाओं का लाभ और पेशेवर लाइसेंस से वंचित रहने का खतरा है। एसीएलयू और दूसरी संस्थाओं ने मुकदमे में कहा कि जिंदल का आदेश किसी व्यक्ति या कंपनी को समलैंगिक जोड़ों के साथ बिना डर भेदभाव करने का अधिकार देता है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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