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मनोरंजन

सभी परियोजनाओं को बड़े नामों की जरूरत नहीं पड़ती : फिरोज अब्बास खान

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नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)| पिछले महीने यौन शिक्षा पर आधारित पांच-एपिसोड की वेब श्रृंखला ‘सेक्स की अदालत’ जारी कर चुके निर्देशक फिरोज अब्बास खान का मानना है कि हर परियोजना को किसी प्रसिद्ध अभिनेता के साथ की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि शो अंतत: अच्छी विषय वस्तु से ही चलता है। यूट्यूब पर उपलब्ध खान की वेब श्रृंखला मासिक धर्म, कौमार्य समेत कई वर्जित विषयों पर आधारित है।

इस बारे में खान ने आईएएनएस से कहा, कई बार यह आपकी सामग्री पर निर्भर करता है और इसी के अनुसार आप कास्टिंग करते हैं। जब मैंने संगीतमय (नाटक) ‘मुगल-ए-आजम’ बनाया था, तो कई लोगों ने मुझसे यह सवाल पूछा था। आज, यह सबसे बड़ी हिट है, इसके समान कोई दूसरा नाम नहीं है।

उन्होंने कहा, सोशल मीडिया पर सबसे लोकप्रिय परियोजनाओं में से कुछ में कोई बड़ा नाम नहीं है, लेकिन अपनी सामग्री के कारण ये सफल हुए। इंटरनेट एक बहुत अलग दुनिया है, जो अच्छी सामग्री के बल पर चलती है।

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मनोरंजन

हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भ‍िडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना

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मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज एक्‍टर जैकी श्रॉफ को आपने अक्सर ‘भ‍िडू’ शब्द का प्रयोग करते सुना होगा। कई बार उनसे मुलाकात के दौरान उनके फैंस भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब अगर आपने आगे से ऐसा किया तो आपको 2 करोड़ रु का जुर्माना देना पड़ सकता है। एक्‍टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भ‍िडू’ शब्‍द के इस्‍तेमाल पर दिल्‍ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्‍थानों के ख‍िलाफ केस किया है।

यह मामला उन संगठनों के खिलाफ दायर किया गया है जो जैकी श्रॉफ का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा ताकि अभिनेता के प्रचार अधिकारों की रक्षा की जा सके। मामले को कल 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

यह पहली बार नहीं है कि किसी बॉलीवुड अभिनेता ने गोपनीयता और प्रचार अधिकार के लिए अदालत से मदद मांगी है। इससे पहले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने लोगों को अभिनेता की नकल करने और उनकी सहमति के बिना उनकी आवाज का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

दूसरी ओर पिछले साल अनिल कपूर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा, इस साल जनवरी में अनिल कपूर ने केस जीत लिया। इसमें उन्होंने ‘झकास’ शब्द वाला तकिया कलाम, अपने नाम, आवाज, बोलने के तरीके, छवि, समानता और हावभाव की सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि इसका प्रयोग न किया जाए।

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