हेल्थ
संक्रमण से नवजातों की रक्षा करता है मां का दूध
न्यूयार्क, 22 अगस्त (आईएएनएस)| अनुसंधानकर्ताओं ने हाल ही में सामने आए अपने एक अध्ययन में कहा है कि मां के दूध में पाया जाने वाला एक खास किस्म का शक्कर नवजातों की कई हानिकारक जीवाणुओं से रक्षा करता है। दुनियाभर में गर्भवती महिलाओं में आम तौर पर पाया जाने वाला ग्रुप बी स्ट्रेप जिवाणु नवजातों में गंभीर संक्रमण पैदा कर सकता है और जो नवजातों में सेप्सिस या निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों होने का खतरा पैदा करता है। संक्रमण के गंभीर होने के कारण कई बार शिशु की मौत भी हो जाती है, क्योंकि नवजातों में अब तक रक्षातंत्र पूरी तरीके से विकसित नहीं हो पाता है।
इस अध्ययन में सामने आया है कि मां के दूध से मिलने वाला शक्कर एक एंटीबायोफिल्म की तरह काम करता है। इंसानी दूध में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट के इस गुण का सामने लाने वाला यह पहला उदाहरण है।
अमेरिका के टेनिसी में स्थित वैंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर स्टीवन टाउनसेंड के अनुसार, यह अध्ययन इंसान के दूध में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट के जीवाणुरोधी के तौर पर काम करने का यह पहला उदाहरण है।
टाउनसेंड ने कहा, मां के दूध में पाए जाने वाले इस तत्व की यह सबसे अविश्वसनीय खासियत है कि इसमें विषाक्तता बिल्कुल नहीं होती, जैसा कि अन्य एंटिबायोटिक्स में होता है।
करीब 10 साल पहले अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन में पाया था कि गर्भवती महिलाओं में ग्रुप बी स्ट्रेप जीवाणु होते हैं और ये रोगाणु स्तनपान के जरिए नवजातों में चले जाते हैं।
लेकिन चूंकि अधिकांश नवजात इस ग्रुप बी स्ट्रेप जीवाणु की चपेट में आने से बच जाते हैं, इसलिए अनुसंधानकर्ता देखना चाहते थे कि मां के दूध में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो इन जीवाणुओं से लड़ने का काम करते हैं।
अध्ययन के नतीजे वाशींगटन में हुए 254वीं अमेरिकन केमिकल सोसायटी की राष्ट्रीय बैठक में प्रदर्शित किए गए।
लाइफ स्टाइल
दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज
नई दिल्ली। अनियमित लाइफ स्टाइल व तला भुना जंक फूड दिल से जुड़ी बीमारियों की मुख्य वजह बन गया है। स्टडीज़ के अनुसार, अगर आप अपने दिल की सेहत में सुधार करना चाहते हैं, तो इन 4 तरह के खाने से दूरी बना लें।
तला हुआ खाना
कई शोध से पता चला है कि सैचुरेटेड फैट्स शरीर में बैड कोलेस्ट्ऱॉल की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं। रेड मीट, फ्रेंच फ्राइज़, सैंडविच, बर्गर आदि जैसे फूड्स LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाते हैं, जिससे स्ट्रोक और दिल के दौरे का ख़तरा बढ़ जाता है।
चीनी युक्त सोडा या फिर केक
चीनी को मीठा ज़हर ही कहा जाता है। केक, मफिन, कुकीज़ और मीठी ड्रिंक्स शरीर में सूजन का कारण बनते हैं। चीनी का ज़्यादा सेवन शरीर में फैट्स बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज़, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
लाल मांस
रेड मीट सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होता है, जिसकी वजह से धमनियों में प्लाक जम सकता है। जिनको मटन खाने का शौक है, उन्हें वह हिस्सा खाना चाहिए जिसमें ज़्यादा प्रोटीन और कम फैट हो। अगर आप चिकन खा रहे हैं तो ब्रेस्ट, विंग्ज़ वाला हिस्सा में ज़्यादा प्रोटीन होता है और कम फैट। वहीं, मछली सबसे हेल्दी और अच्छा ऑप्शन है।
सफेद चावल, ब्रेड या फिर पास्ता
सफेद ब्रेड, मैदे, चीनी और प्रोसेस्ड तेल को मिलाकर तैयार किए जाने वाले फूड्स में किसी भी तरह का फायदा नहीं होता। ऐसा ही सफेद पास्ता के साथ भी है। सफेद चावल में फाइबर की मात्रा कम होती है, इसलिए दिल की सेहत के लिए इसका ज़्यादा सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
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