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शीना का मेरे बेटे के साथ प्रेम संबंध था : पीटर मुखर्जी

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मुंबई। हाई प्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड में एक नया मोड़ आ गया है। आईएनएक्स मीडिया के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीटर मुखर्जी ने बुधवार को खुलासा किया कि शीना उनकी सौतेली बेटी थी और उसका उनके बेटे राहुल मुखर्जी से प्रेम संबंध था। पीटर मुखर्जी की पत्नी इंद्राणी मुखर्जी को शीना बोरा की साल 2012 में हत्या करने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

पीटर मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने रिश्ते को नजरअंदाज कर दिया था, क्योंकि राहुल व शीना वयस्क थे और इस बारे में फैसला खुद ले सकते थे। राहुल पीटर मुखर्जी की पहली पत्नी के बेटे हैं। उन्होंने विभिन्न टेलीविजन चैनलों से बुधवार को कहा, “शीना और मेरे बेटे के बीच प्रेम संबंध था, जिसका इंद्राणी विरोध करती थी।” उन्होंने यह भी कहा कि इंद्राणी ने उनसे कहा था कि शीना उसकी बहन है। पीटर ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि शीना, इंद्राणी और उसके पहले पति की बेटी थी।

टेलीविजन चैनलों पर उनका बयान प्रसारित होने के ठीक बाद दोपहर में मुंबई पुलिस का एक दल पूछताछ के लिए मुखर्जी के पश्चिमी उपनगर खार स्थित आवास पर पहुंचा। पूछताछ में क्या निकला, इसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। वहीं, शीना बोरा के भाई मिखाइल बोरा ने कहा कि शीना इंद्राणी की बेटी थी, बहन नहीं। उन्होंने कहा कि डीएनए जांच से इस बात का पता आसानी से लगाया जा सकता है कि इंद्राणी मुखर्जी उनकी जैविक मां है।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “हत्या के पीछे असल वजह कुछ और है, जिसका खुलासा मैं अभी नहीं करना चाहता। मैं चाहता हूं कि सच वही (इंद्राणी) कहें। यदि वह ऐसा नहीं करती हैं, तो मेरे पास सबूत, दस्तावेज व फोटोग्राफ हैं, जिसे मैं बाद में मीडिया में सार्वजनिक करूंगा।” पीटर मुखर्जी ने भी कहा कि वह हमेशा यही मानते रहे कि शीना इंद्राणी की बहन है। उन्होंने कहा, “अब शीना के उसकी बेटी होने की बात सामने आ रही है। विश्वस्त सूत्रों ने मुझे बताया है कि शीना उसकी बेटी थी।” पीटर ने कहा, “इन सब से मैं बेहद परेशान हूं। शीना का मेरे बेटे के साथ प्रेम संबंध था। जब साल 2012 में वह लापता हुई, तो मुझे बताया गया कि वह पढ़ने के लिए अमेरिका गई है। जब मैंने इंद्राणी से पूछा, तो उसने मुझे वहां एक दीवाली समारोह में उसकी एक तस्वीर दिखाई।”

उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि इंद्राणी के गिरफ्तार होने को लेकर वह पूरी तरह हैरान हैं। उन्होंने कहा, “इस स्तर के अपराध से मैं भौंचक्का हूं।” उन्होंने आश्वस्त किया कि इस मुद्दे पर पुलिस के पूर्ण सहयोग के लिए वह तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि मुंबई पुलिस ने इंद्राणी को शीना बोरा की साल 2012 में हत्या करने व उसके शव को मुंबई के पास रायगड में दफनाने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार किया।

इस मामले में इंद्राणी के अलावा, उसके चालक को भी गिरफ्तार किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि मुख्य साजिशकर्ता इंद्राणी ही है। उसे एक अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां से 31 अगस्त तक के लिए उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने दावा किया है कि उसने रायगड के उस जगह से सबूत बरामद किया है, जहां पीड़िता के शव को दफनाया गया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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