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अन्तर्राष्ट्रीय

शिवसेना की असहिष्णुता की पाकिस्तानी अखबार ने निंदा की

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान के एक अखबार ने लिखा है कि देश के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब के विमोचन के विरोध में वरिष्ठ पत्रकार सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर स्याही पोत कर शिवसेना ने “पाकिस्तान की सभी चीजों के प्रति अपनी असहिष्णुता और नफरत” का इजहार किया है। ‘द नेशन’ ने मंगलवार को ‘शिवसेनाज वैंडलिज्म’ शीर्षक वाले अपने संपादकीय में लिखा है, “कुलकर्णी पर शिवसैनिकों के हमले से शिवसेना ने एक बार फिर पाकिस्तान की सभी चीजों के प्रति अपनी असहिष्णुता और विशुद्ध नफरत को जाहिर किया है।”

कसूरी की किताब ‘नाइदर अ हॉक नार अ डव : एन इनसाइडर्स अकाउंट ऑफ पाकिस्तान फॉरेन पॉलिसी’ के विमोचन से पहले सोमवार को शिवसैनिकों ने कुलकर्णी के चेहरे पर स्याही उड़ेल दी थी। कुलकर्णी विमोचन समारोह के आयोजक थे। द नेशन ने संपादकीय में लिखा है| “गुंडागर्दी की इस हरकत के बावजूद कुलकर्णी का विमोचन समारोह में शामिल होना उनके साहस और संकल्प को दिखाता है और यह निश्चित ही प्रशंसनीय है।”

अखबार लिखता है कि शिवसेना ने हमले की जिम्मेदारी ली है और कुलकर्णी को पाकिस्तानी एजेंट बताया है। संपादकीय में लिखा गया है| पार्टी (शिवसेना) ने यह भी कहा है कि राज्य में पाकिस्तानियों के किसी भी कार्यक्रम के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा और वह इन्हें होने नहीं देगी। उसका यह रुख कोई नया नहीं है। संपादकीय में कहा गया है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही इस मामले में चुप्पी साधी हो लेकिन कई लोगों ने पार्टी के इस चरमपंथी रुख के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को शिवसेना की कड़ी आलोचना की थी। अखबार ने लिखा है यह एक सकारात्मक संकेत है कि जो दिल में आए वही करने की खुली छूट दिए जाने के बजाए पार्टी (शिवसेना) की आलोचना की जा रही है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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