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मुख्य समाचार

शिक्षक भर्ती : चौटाला बाप-बेटे की 10 वर्ष कैद की सजा बरकरार

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नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को गैरकानूनी शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी ठहराए गए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को निचली अदालत से सुनाई गई 10 साल कैद की सजा को बरकरार रखा। वर्ष 2000 में राज्य में 3,000 से अधिक शिक्षकों की अवैध नियुक्ति हुई थी।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने कहा कि ओम प्रकाश चौटाला उस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री थे..उन्होंने राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ धोखाधड़ी की और वह कड़े दंड के लायक हैं। न्यायालय ने इस मामले में ओम प्रकाश चौटाला के तीन राजनीतिक सलाहकारों शेर सिंह बडशामी, उनके पूर्व ओएसडी विद्या धर और हरियाणा के पूर्व प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार को भी सुनाई गई 10 साल कैद की सजा बरकरार रखी। अदालत ने कहा कि उन लोगों के बीच एक ही सूत्र ‘प्रणाली की अवहेलना’ है। न्यायमूर्ति मृदुल ने 400 पृष्ठों के फैसले में कहा है, “इनमें से हर किसी ने अपना लक्ष्य साधने के लिए स्थापित प्रक्रिया को बाधित करने में भूमिका अदा की।” अदालत ने ओम प्रकाश चौटाला की सजा में किसी प्रकार की नरमी बरतने से इंकार कर दिया।

न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली अभियुक्तों की सभी 55 अपीलों को भी खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति मृदुल ने कुल 55 आरोपियों में से पांच को सुनाई गई 10 साल कैद की सजा बरकरार रखने के साथ-साथ 50 अन्य आरोपियों की सजा दो वर्ष कम कर दी। अदालत ने कहा कि घोटाले ने दर्शाया है कि किस तरह सक्षम शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को कलंकित किया गया और यह भ्रष्टाचार से भी पृथक नहीं रहा। फैसले में कहा गया है कि शिक्षा एक औजार है जिसका इस्तेमाल सक्षम शिक्षकों के द्वारा युवाओं को दिशा प्रदान करने के लिए किया जाता है ताकि वे भविष्य में भारत को अग्र पंक्ति में गिने जाने वाले सफलता का प्रतिमान बनाने में उपयोगी नागरिक बन सकें।

केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत ने 22 जनवरी, 2013 को चौटाला और 10 अन्य आरोपियों को वर्ष 2000 में 3,206 अल्प प्रशिक्षित कनिष्ठ शिक्षकों की अवैध भर्ती के लिए 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में एक दोषी को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है, जबकि 44 अन्य को चार-चार साल कैद की सजा सुनाई गई है। सभी अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जी दस्तावेजों को असली बनाकर पेश करने, षड्यंत्र करने और भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम के तहत पद का दुरुपयोग करने का दोषी पाया गया था।

नेशनल

‘जल्द करनी पड़ेगी शादी’, राहुल गांधी ने मंच से किया एलान

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रायबरेली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार के लिए आज रायबरेली पहुंचे। जहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान राहुल गांधी से जनता में से किसी ने शादी को लेकर सवाल पूछा जिस पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरी बहन प्रियंका गांधी मेरी मदद के लिए यहां अपना खून पसीना आपको दे रही है। जिस पर प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी से शादी के सवाल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पहले इस सवाल का जवाब दो। जिसके जवाब में मुस्कुराते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अब जल्द ही करनी पड़ेगी।

इस दौरान राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित बताया कि किस वजह से वो रायबरेली से चुनाव लड़ने आएं हैं। उन्होंने कहा, ‘कुछ दिन पहले मैं मां (सोनिया गांधी) के साथ बैठा था। मैंने मां से कहा कि एक-दो साल पहले मैंने एक वीडियो में कह दिया कि मेरी दो माता थी एक सोनिया गांधी और दूसरी इंदिरा गांधी। मेरी दोनों माताओं की ये कर्म भूमि है इसलिए मैं यहां रायबरेली से चुनाव लड़ने आया हूं।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार आते ही कर्जा माफ करना पहला काम होगा। दूसरा काम किसानो के लिए कानूनी सपोर्ट प्राइस लेके आयंगे। राहुल गांधी ने तीसरा काम गिनाते हुए कहा कि किसानो को 30 दिन के अंदर बीमा का पैसा देना तीसरा काम होगा।

राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं ने साफ कहा की अगर चुनाव जीते तो संविधान को बदल देंगे। संविधान के बिना अडानी और अंबानी की सरकार होगी। आरक्षण और आपको जो भी चीजे मिलती है वो सब खत्म हो जाएंगी। राहुल गांधी ने आगे कहा कि संविधान खत्म होने से आपका रास्ता खत्म हो जाएगा. ये लड़ाई संविधान को बचाने की है।

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