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अन्तर्राष्ट्रीय

शरणार्थी संकट सुलझाने को और काम किए जाएं : मैक्रों

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पेरिस, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)| फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने युद्धग्रस्त क्षेत्रों में और अधिक काम करने का आग्रह किया है, ताकि शरणार्थियों के संकट का बेहतर हल निकाला जा सके और प्रवासी संकट से जूझ रहे यूरोप की ओर आश्रय की तलाश में आने वाले लोगों के प्रवाह को रोका जा सके। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मैक्रों ने सोमवार को कहा कि सबसे पहले मध्य-पूर्व और अफ्रीका के सबसे अधिक शरणार्थियों की मेजबानी करने वाले देशों में यूएनएचसीआर को वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।

मैक्रों ने लीबिया में प्रवासियों के संकट के लिए पेरिस वित्तीय सहायता में एक करोड़ यूरो (1.17 करोड़ डॉलर) की वृद्धि करने का वादा किया, जहां उनके अनुसार, स्थिति गंभीर बनी हुई है।

मैक्रों ने भी लीबिया में राजनैतिक समाधान को प्रोत्साहित करने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात की।

सीरियाई शरणार्थियों की स्थिति पर मैक्रों ने सालों लंबे इस संकट को खत्म करने के लिए राजनीतिक संवाद प्रक्रिया तक पहुंचने और क्षेत्र में स्थाई राजनीतिक स्थिरता की पेशकश के लिए ‘एक सामूहिक क्षमता’ के प्रदर्शन की वकालत की।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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