Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

शरणार्थियों की मदद के लिए दानदाता सम्मेलन का फ्रांस का प्रस्ताव

Published

on

Loading

पेरिस, 2 सितम्बर (आईएएनएस)| फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने लेबनान के शरणार्थियों की मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय दानदाता सम्मेलन आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, मैक्रों ने शुक्रवार को लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरीरी से मुलाकात के बाद कहा कि लेबनान को 12 लाख शरणार्थियों की आमद से निपटने के लिए मदद की जरूरत है।

मैक्रों ने लेबनान द्वारा युद्धग्रस्त क्षेत्र से पलायन कर रहे लोगों को स्वीकारने की तारीफ करते हुए कहा कि 60 लाख की आबादी वाले देश पर इन शरणार्थियों को आसरा देना बोझ की तरह है।

मैक्रों के मुताबिक, सीरिया की सीमा से लगे देशों में कुल 90 लाख शरणार्थी हैं। उन्होंने कहा कि लेबनान दानदाता सम्मेलन पेरिस में मार्च 2018 में होने की संभावना है।

अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे संयुक्त राष्ट्र ने इस बात पर जोर दिया है कि शरणार्थियों की भारी संख्या के मद्देनजर लेबनान को ज्यादा सहायता की जरूरत है।

Continue Reading

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

Continue Reading

Trending