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मुख्य समाचार

विद्या नहीं चाहतीं कई कलाकारों वाली फिल्म में काम करना

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महिला प्रधान फिल्मों की नायिका के रूप में पहचानी जाने वाली अभिनेत्री विद्या बालन इस समय कई कलाकारों वाली फिल्म में काम करना नहीं चाहतीं। उन्होंने आईएएनएस को मुंबई से फोन पर बताया, “मैं इस समय कई कलाकारों वाली फिल्म में काम नहीं करना चाहती हूं। मुझे नहीं लगता कि मुझे ऐसी फिल्म करने में मजा आएगा, क्योंकि वहां एक समय पर कई कहानियां एक साथ चलती हैं।”

विद्या हालांकि पहले ‘हे बेबी’ और ‘भूलभुलैया’ जैसी कई कलाकारों वाली फिल्मों में काम कर चुकी हैं।

इस समय ‘हमारी अधूरी कहानी’ के प्रचार में व्यस्त विद्या ने कहा कि वह अभिनेता इमरान हाशमी के साथ काम करने में सहज हैं और सह-कलाकार के तौर पर दोनों एक दूसरे पर भरोसा भी करते हैं।

‘द डर्टी पिक्च र’ और ‘घनचक्कर’ में इमरान के साथ काम कर चुकीं विद्या जल्द ही ‘हमारी अधूरी कहानी’ में उनके साथ फिर पर्दे पर नजर आएंगी।

उन्होंने कहा, “एक दूसरे पर हमारा भरोसा तीन फिल्मों में काम करने के बाद और मजबूत हुआ है। खासकर ऐसी फिल्म करने के बाद जिसके निर्देशक मोहित सूरी हैं। वह अपने कलाकारों को फिल्म के हर दृश्य को महसूस करने पर जोर देते हैं।”

 

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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