अन्तर्राष्ट्रीय
विकीलीक्स संस्थापक ने ट्रंप के खिलाफ मुकदमे का समर्थन किया
सैन फ्रांसिस्को, 16 जुलाई (आईएएनएस)| विकीलीक्स के संस्थापक जुलियन असांज ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कुछ ट्विटर उपभोक्ताओं द्वारा दायर मुकदमे का समर्थन किया है।
ट्रंप ने इन ट्विटर उपभोक्ताओं को पिछले सप्ताह ब्लॉक कर दिया था। असांज ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, मैं ट्रंप के खिलाफ मुकदमे का समर्थन करता हूं। किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा राजनीतिक टिप्पणियों को ब्लॉक करना संवैधानिक उल्लंघन है।
असांज ने कहा कि इसमें ‘एकमात्र अपवाद’ हो सकता है, जब उपभोक्ता एक ही टिप्पणी बार-बार करता रहे, जिससे अन्य लोगों को अपनी बात रखने का मौका ही न मिले।
पिछले सप्ताह समूह ने तर्क दिया था कि ट्रंप का ट्विटर अकाउंट एक जनमंच के समान है, क्योंकि एक सरकारी अधिकारी के तौर पर वह लोगों को रोक नहीं सकते।
ब्लॉक्ड ट्विटर उपभोक्ताओं ने ट्रंप, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर और व्हाइट हाउस के सोशल मीडिया निदेशक डैन स्काविनो के खिलाफ मंगलवार को मुदकमा दायर किया था।
समूह ने दावा किया है कि राष्ट्रपति द्वारा उपभोक्ताओं को सोशल नेटवर्क पर ब्लॉक करना ‘असंवैधानिक’ है।
दायर मुकदमे में ट्रंप से उपभोक्ताओं को अनब्लॉक करने को कहा गया है।
इसमें कहा गया है कि लोगों को अपने ट्वीट्स पढ़ने या फिर उन्हें उन पर आधारित संदेश देखने या उनका जवाब देने से रोककर ट्रंप सिर्फ इसलिए उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं, क्योंकि उपभोक्ताओं के विचार उन्हें पसंद नहीं आए।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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