मनोरंजन
लेखिका प्रीति शिनॉय को इंडियन ऑफ द ईयर सम्मान
नई दिल्ली, 1 जुलाई (आईएएनएस)| लेखिका प्रीति शिनॉय को यहां ‘इंडियन ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। शिनॉय को शुक्रवार को ब्रांड्स अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया, जो भारत की एक प्रतिष्ठित ब्रांडिंग कंपनी है और देश की प्रतिष्ठा में योगदान करने वाले लोगों की उपलब्धियों को मान्यता देने का काम करती है।
आयोजकों ने कहा कि पुरस्कार समारोह में हर क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। पुरस्कार पाने वाले हर व्यक्ति ने देश के विकास की दिशा में अपने तरीके से योगदान दिया है।
शिनॉय ने कहा, यह मेरे लिए पूरी तरह सरप्राइज है। मैं खुद को सम्मानित महसूस कर रही हूं। मैं अपनी नौंवी किताब लिखने में मगन थी, जब मुझे यह सूचना मिली। मुझे इसपर विश्वास करने में कुछ घंटे लगे।
शिनॉय की पुस्तकों में ‘इट्स ऑल इन द प्लानेट्स’, ‘व्हाई वी लव द वे वी डू’, ‘इट हैपेन्स फॉर अ रिजन’, ‘द वन यू कैन नॉट हैव’ तथा ’34 बबलगम्स एंड कैंडीज’ शामिल हैं।
शिनॉय के अलावा, दीपा मलिक (पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता), कविता कृष्णमूर्ति (गायिका) तथा रणबीर बरार (सेलिब्रिटी शेफ एवं टीवी होस्ट) को भी सम्मानित किया गया।
प्रादेशिक
13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा
मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले पिता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।
बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।
लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।
बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।
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