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अन्तर्राष्ट्रीय

ब्रिटिश संसद पर हमले में 5 की मौत, तलाशे जा रहे हमलावर के सहयोगी

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लंदन। ब्रिटिश संसद पर बुधवार को हुए हमले की विफल कोशिश में मरने वालों की संख्या बढक़र पांच हो गई है। इसमें हमलावर भी शामिल है। हमले में करीब 40 लोग घायल हो गए। ब्रसेल्स हमले की पहली बरसी (22 मार्च) पर आतंकवादियों ने बुधवार को ब्रिटिश संसद को निशाना बनाने का प्रयास किया। यह हमला स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 2.30 बजे (भारतीय समयानुसार रात करीब आठ बजे) किया गया था।

कार सवार हमलावर ने पहले टेम्स नदी पर बने वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर पैदल चल रहे कई लोगों को कुचल दिया। इस क्रम में कुछ लोग कथित तौर पर नदी में जा गिरे। वह सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए संसद की ओर बढ़ा। उसके हाथों में करीब ‘सात से आठ इंच लंबा चाकू’ था। पुलिस ने उसे रोका, जिस पर उसने पुलिसकर्मी को चाकू मार दिया। इसके बाद वहां तैनात अन्य सुरक्षाकर्मियों ने उसे मार गिराया।

‘बीबीसी’ के अनुसार, उस वक्त संसद की कार्यवाही चल रही थी, जो हमले के बाद स्थगित कर दी गई। नेताओं, पत्रकारों व आगंतुकों को लगभग पांच घंटे तक संसद भवन से बाहर नहीं निकलने दिया गया। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने हमले के बाद आपात बैठक बुलाई।

मेट्रो पुलिस सहायक आयुक्त व लंदन के शीर्ष आतंकवाद रोधी अधिकारी मार्क रॉवले ने हमले में चाकू से घायल होकर जान गंवाने वाले अधिकारी का नाम कीथ पामर (48) बताया और कहा कि उन्होंने 15 साल तक पुलिस को सेवा दी।

हमले में जान गंवाने वाले तीन अन्य नागरिक हैं। उन्होंने बताया कि इस हमले में करीब 40 लोग घायल हो गए। पुलिस ने हालांकि हमलावर की पहचान का खुलासा नहीं किया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि उसे हमलावर के बारे में जानकारी है और वह उसके सहयोगियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। उसका संबंध इस्लामिक कट्टरता से हो सकता है।

‘डेली मेल’ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावर ’35-40 साल का एशियाई’ व्यक्ति था। स्कॉटलैंड यार्ड ने मामले की जांच ‘एक आतंकवादी घटना’ के तौर पर किए जाने की बात कही है।

वहीं, टेम्स नदी की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली पोर्ट ऑफ लंदन ऑथरिटी के एक प्रवक्ता ने बताया कि एक महिला को वेस्टमिंस्टर ब्रिज के पास नदी से निकाला गया है। उन्होंने कहा, “वह जिंदा है, पर उसकी हालत गंभीर है। ऐसा लगता है कि वह वेस्टमिंस्टर ब्रिज से नदी में गिर गई होगी।”

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इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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