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नेशनल

रेयान स्कूल खुला, नाराज प्रद्युम्न के पिता ने कहा- सबूतों से छेड़छाड़ संभव

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नई दिल्ली| गुरुग्राम का रेयान इंटरनेशनल स्कूल आज फिर खुल रहा है। 7 वर्षीय छात्र प्रद्युम्न की हत्या के ठीक 10 दिन बाद स्कूल खुल रहा है। प्रद्युम्न  के पिता वरुण चंद्र ठाकुर ने रविवार को कहा कि स्कूल खुलने से वहां मौजूद साक्ष्य और न्याय संबंधी सारे सबूत खत्म हो जाएंगे।

इसीलिए स्कूल को तब तक बंद रखा जाए, जब तक सीबीआई प्रारंभिक जांच नहीं कर लेती। वरुण के वकील सुशील टेकरीवाल ने आईएएनएस से कहा, रेयान स्कूल खुलने से वहां मौजूद साक्ष्य और न्याय संबंधी सबूत नष्ट हो जाएंगे। इसके खत्म होने से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच सीधे तौर पर प्रभावित होगी। लिहाजा, स्कूल को तत्काल प्रभाव से बंद रखा जाना चाहिए जब तक कि सीबीआई अपनी प्रारंभिक जांच पूरी नहीं कर लेती।

टेकरीवाल ने कहा कि यह आशंका रविवार को प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने व्यक्त की है।

उल्लेखनीय है कि कक्षा दो के छात्र प्रद्युम्न की आठ सितंबर को टॉयलेट में गला काटकर नृशंस हत्या कर दी गई थी। बस के एक कंडक्टर को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक कुमार (42) को इस हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस का कहना है कि अशोक ने बच्चे का यौन शोषण करने की कोशिश की, जिसमें विफल रहने पर उसने बच्चे की चाकू से गला काटकर हत्या कर दी।

प्रद्युम्न के पिता 8 सितंबर की सुबह बेटे को स्कूल पहुंचाकर घर लौटे और एक घंटा बाद ही उसे स्कूल के टॉयलेट में खून से लथपथ, मृत पाया गया था। इस घटना के बाद समूचे देश में स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा राष्ट्रीय मुद्दा बन गई है। हरियाणा सहित कई राज्यों में चल रहे रेयान स्कूल के बाहर अभिभावकों और आक्रोशित लोगों ने प्रदर्शन किया था।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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