मुख्य समाचार
राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हुईं हिलेरी क्लिंटन
वाशिंगटन। अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने रविवार को राष्ट्रपति पद के लिए अपना दावा पेश कर दिया है और उन्होंने वादा किया है कि वह आम अमेरिकी परिवारों का समर्थन करेंगी। हिलेरी ने प्रचार से संबंधित अपने आधिकारिक वेबसाइट पर एक वीडियो में कहा कि मैं राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ूंगी। हर दिन अमेरिकी जनता को एक हिमायती की जरूरत होती है, और मैं वह व्यक्ति बनना चाहती हूं।
हिलेरी ने 2016 के प्रचार अभियान से जुड़े पहले वीडियो में कहा कि अमेरिका अपने कठिन आर्थिक हालात से उबर चुका है, लेकिन अभी भी सिर्फ शीर्ष लोगों को ही आर्थिक लाभ मिल रहा है। वर्ष 2008 में उन्होंने डेमोक्रेट की तरफ से दावेदारी पेश की थी, लेकिन बराक ओबामा से हार झेलनी पड़ी थी।
हिलेरी के खेमे ने ब्रुकलिन हाइट्स पर नए दफ्तर के लिए पट्टे पर हस्ताक्षर कर दिया है। यह उनके प्रचार अभियान का मुख्यालय होगा। हिलेरी के प्रचार प्रबंधक जॉन पोडेस्टा ने 2008 में उन्हें आर्थिक मदद देने वाले लोगों और उनके प्रचार अभियान में जुड़े लोगों को रविवार को बताया, “मैं चाहता था कि यह आप पहली बार मुझसे जानें कि हिलेरी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हो गई हैं।” पोडेस्टा ने कहा कि हिलेरी मतदाताओं से मिलने के लिए आईयोवा जा रही हैं और उनकी औपचारिक रैली की शुरुआत अगले महीने होगी।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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