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राष्ट्रपति चुनाव विचारधारा की लड़ाई नहीं : नायडू

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हैदराबाद, 4 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति चुनाव विचारधारा की लड़ाई नहीं है, जैसा कि कुछ विपक्षी दल इसे बता रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के सम्मान में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) द्वारा आयोजित बैठक में नायडू ने कहा कि संविधान के प्रति प्रतिबद्धता और प्रत्याशी की क्षमता राष्ट्रपति के चयन का आधार है।

कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रपति चुनाव को विचारधारा की लड़ाई बताए जाने को खारिज करते हुए नायडू ने कहा कि राष्ट्रपति की सिर्फ एक विचारधारा होनी चाहिए – संविधान के प्रति प्रतिबद्धता।

उन्होंने कहा कि ‘अन्य किसी विचारधारा की कोई जगह नहीं है’।

नायडू ने कहा कि राष्ट्रपति को राजनीतिक फैसले लेने का अधिकार नहीं होता, बल्कि सिर्फ संवैधानिक प्रमुख और देश की सश सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर के रूप में काम करना होता है।

नायडू ने कहा, विचारधारा का फैसला 2014 में ही हो गया था, जब देश की जनता ने भारी बहुमत से नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री चुना।

उन्होंने कहा कि कुछ दल लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता की बात कर ध्यान बंटाने की कोशिश कर रहे हैं।

कांग्रेस पर सीधे-सीधे निशाना साधते हुए नायडू ने कहा, लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता की बात कौन कर रहा है, जिन्होंने देश में आपातकाल लगाया। वे सामाजिक सुरक्षा की बात भी कर रहे हैं। आप लंबे समय तक सत्ता में रहे, लेकिन आप सामाजिक सुरक्षा प्रदान नहीं कर सके। अब जब आप सत्ता से बाहर हैं, तो आप इसकी बात कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ दल सामाजिक एवं आर्थिक विषमता की बात भी कर रहे हैं, लेकिन इन बातों का खयाल सत्तासीन लोग करते हैं, क्योंकि राष्ट्रपति एक बुजुर्ग व्यक्ति की तरह सिर्फ सलाह दे सकता है।

नायडू ने अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार खड़ा करने को लेकर कांग्रेस और अन्य सभी विपक्षी दलों की आलोचना की, जबकि राजग ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर उनसे संपर्क किया था और उनकी राय ली थी।

साथ ही उन्होंने विपक्ष में रहते हुए राजग द्वारा अपना अलग राष्ट्रपति उम्मीदवार खड़ा करने का बचाव भी किया, क्योंकि उनका कहना है कि तब सत्तारूढ़ गठबंधन दल ने उनसे राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर संपर्क नहीं किया था।

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पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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