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मुख्य समाचार

राज्यपाल रामनाईक ने काकोरी कांड के शहीदों के परिवारों को किया नमन

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने काकोरी कांड की 90वीं वर्षगांठ पर रविवार को कहा कि बलिदानियों के परिवार धन्य हैं। वर्ष 1925 भारत की आजादी की लड़ाई का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिवस है। काकोरी रेल घटना को अंजाम देने वाले सच्चे देशभक्त थे। उनका लक्ष्य लूट नहीं, देश को आजाद कराना था।

काकोरी शहीद स्मारक परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि काकोरी रेल घटना को काकोरी कांड न कहकर ‘काकोरी स्वतंत्रता संघर्ष’ कहा जाए। यह बात केवल काकोरी घटना के लिए ही लागू नहीं होती, बल्कि स्वाधीनता संग्राम से जुड़ी अन्य घटनाओं के संदर्भ में भी है। नाईक ने कहा कि अंग्रेज हुकूमत ने 1857 के पहले स्वतंत्रता समर को बगावत का नाम दिया। समय के साथ अर्थ-भाव भी बदलते हैं। इसलिए इसे काकोरी कांड न कहकर आयोजन समिति कोई उपयुक्त नाम सुझाए।

उन्होंने कहा कि लखनऊ की सड़कों का नाम काकोरी के शहीदों के नाम पर रखा जाए तो युवा पीढ़ी के सामने देश का सही इतिहास सामने आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि काकोरी के शहीदों की याद भव्य रूप से मनाई जाए, जिससे काकोरी शहीद स्मारक में श्रद्धांजलि देने वालों की भीड़ से पूरा मैदान छोटा लगने लगे। नाईक ने कहा कि आजादी की लड़ाई में हिदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई जैसा कोई भेदभाव नहीं था। सभी ने मिलकर देश को आजाद कराने में अपना योगदान दिया था। आज देश को बनाने और विकास के पथ पर ले जाने के लिए उसी एकजुटता की जरूरत है जैसी हमारे बलिदानियों ने मिसाल के रूप में प्रस्तुत की थी।

उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और प्रमाणिकता के साथ करें तथा स्वराज का सुराज में बदलने के लिए अपना योगदान दें। श्रद्धांजलि को केवल औपचारिकता न बनाएं, बल्कि सार्थक बनाकर शहीदों के बलिदान को व्यर्थ न होने दें। राज्यपाल ने कहा कि आज काकोरी रेल घटना को 90 साल पूरे हुए हैं और इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में आकर उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया है। काकोरी शहीदों को प्रणाम करते हुए उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवार वाले धन्य हैं।
उन्होंने कहा, “मैं राम नाईक के नाते नहीं, बल्कि राज्यपाल होने के नाते प्रदेश की 21 करोड़ जनता की ओर से ऐसे राष्ट्रभक्तों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने कष्ट उठाकर देश की आजादी के लिए बलिदान दिया।”

राज्यपाल ने इस अवसर पर काकोरी के शहीदों के परिजनों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को अंगवस्त्र व पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित भी किया। राज्यपाल ने कार्यक्रम से पहले सभी शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। स्मारक के प्रागंण में राज्यपाल ने पौधरोपण भी किया। इस दौरान अंग्रेजी में लिखे घोष वाक्य ‘ग्रीन यूपी क्लीन यूपी’ पर उन्होंने सुझाव दिया कि बेहतर होगा, प्रदेश का पूरा नाम गर्व के साथ लिखा जाए तथा अपनी भाषा का प्रयोग हो।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को हरा-भरा करने के लिए सबसे अच्छा नया घोष वाक्य देने वाले को वह राजभवन में सम्मानित करेंगे। इस अवसर पर उपायुक्त डॉ. अनिल पाठक, मुख्य विकास अधिकारी योगेश कुमार, उपजिलाधिकारी अनिल कुमार व उदय खत्री ने भी अपने विचार रखें।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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