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मुख्य समाचार

राज्यपाल नाईक ने अखिलेश सरकार को लताड़ा, कहा- करप्शन पर नहीं की कार्रवाई

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ram-naik-and-akhilesh-yadavलखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां चुनावी माहौल जोर पकड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने भी रविवार को इशारों ही इशारों में अखिलेश सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर निष्क्रिय रहने का आरोप लगाया। भाजपा नेता नाईक ने हालांकि साफतौर पर कहा कि लोकायुक्त के प्रत्यावेदनों पर संज्ञान न लेने से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने भष्ट्राचार को प्रोत्साहन देने का काम किया।

राज्यपाल राम नाईक ने रविवार को राजभवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने अखिलेश सरकार की कई कमियों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि इन बातों को भी जनता को जानने का हक है।

इस दौरान उन्होंने अखिलेश सरकार की दुखती नब्ज पर हाथ रखते हुए कहा, “लोकायुक्त की तरफ से सरकार को 53 विशेष प्रत्यावेदन भेजे गए, जिसमें से केवल दो प्रत्यावेदनों पर ही राज्य सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण उपलब्ध कराए गए। बाकी 51 के सबंध में कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई।”

नाइक ने कहा, “भ्रष्टाचार के विरोध में एक वैधानिक संस्था का गठन किया गया है और सरकार ने इसका उपयोग नहीं किया। इससे ऐसा समझा जाता है कि भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन देने का काम किया गया।”

राज्यपाल ने कहा कि 51 प्रत्यावेदनों को लेकर उनके द्वारा मुख्यमंत्री को 12 अगस्त, 2016 और 21 दिसंबर, 2016 को पत्र लिखा गया। लोकायुक्त ने जिनके खिलाफ मुख्यमंत्री के पास प्रत्यावेदन भेजे, उनमें नौ पूर्व मंत्री, एक विधायक व तीन अध्यक्ष (नगर पालिका और नगर पंचायत) एवं 40 अधिकारी शामिल थे।

राम नाईक यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का ऑडिट कैग से कराने से इनकार कर दिया। राज्य सरकार ने कहा है कि प्राधिकरण की प्राप्तियों का ऑडिट किए जाने की स्वीकृति प्रदान नहीं की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को तीन पत्र लिखे गए, लेकिन इसमें भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद इस संदर्भ में राष्ट्रपति, गृहमंत्री व वित्तमंत्री को 26 जुलाई, 2016 को पत्र भेज दिया गया।

नाईक ने इस अपने ढाई वर्षो के काम काज का जो लेखा जोखा प्रस्तुत किया है, उसमें उन्होंने यह भी जिक्र किया है कि अखिलेश सरकार राज्य में सरकारी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर भी गंभीर नहीं दिखाई दी।

उन्होंने कहा कि उप्र में मथुरा जिले के जवाहरबाग में जो घटना हुई, उसमें दो पुलिस अधिकारियों सहित दो दर्जन लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा, “इस घटना के बाद मैंने मुख्यमंत्री को पूरे प्रदेश में सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण एवं अवैध कब्जों को लेकर श्वेतपत्र जारी करने की मांग की थी, लेकिन अभी तक इस प्रकरण में सरकार की तरफ से कोई प्रगति नहीं हुई।”

उप्र में चल रहे चुनावी माहौल में राज्यपाल ने लोगों से बढ़-चढक़र मतदान करने की अपील भी की।

प्रादेशिक

इस्कॉन के चेयरमैन गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का निधन, देहरादून के अस्‍पताल में थे भर्ती

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देहरादून। इस्‍कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्‍यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का रविवार को निधन हो गया। हृदय संबंधी बीमारी के चलते उन्‍हें तीन दिन पहले देहरादून के सिनर्जी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्‍होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर है।

इस्कॉन मंदिर के डायरेक्टर कम्युनिकेशन इंडिया बृजनंदन दास ने बताया कि 5 मई को शाम 4 बजे नई दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज दो मई को दूधली स्थित मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां वह अचानक फिसलकर गिर गए थे। इससे उन्हें चोट लगी थी। उनका तीन दिनों से सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा था। भक्त उनके आखिरी दर्शन दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में कर सकेंगे। सोमवार को उनकी देह को वृंदावन ले जाया जाएगा। इसका समय अभी तय नहीं हुआ है।

 

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