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प्रादेशिक

यूपी : 60 हजार का इनामी बदमाश मोनू चवन्नी गिरफ्तार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की एसटीएफ ने पूर्वाचल क्षेत्र व बिहार में भाड़े पर हत्या करने वाले इनामी बदमाश सुमित सिंह ऊर्फ मोनू चवन्नी और उसके एक साथी को कुकरैल बंधे के पास से गिरफ्तार किया। एसटीएफ को उनके पास से कार्बाइन, पिस्टल, तमंचे व मोबाइल फोन मिले हैं।

एसटीएफ को भाड़े पर हत्या करने वाले मऊ निवासी सुमित सिंह व उसके साथी गोरखपुर निवासी पप्पू उर्फ चंद्रिका साहनी के महानगर केकुकरैल बंधे के पास मौजूद होने की सूचना मिली। इसके सूचना के बाद एसटीएफ ने मुठभेड़ के दौरान दो को गिरफ्तारकिया। आरोपी सुमित सिंह पर यूपी पुलिस ने 50 हजार व बिहार पुलिस ने 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। पकड़े गए बदमाशों के पास से एक कार्बाइन, पिस्टल, तमंचा, मोबाइल फोन व सिम कार्ड मिले हैं। सुमित सिंह ऊर्फ मोनू चवन्नी ने गोरखपुर, बलिया, मऊ व बिहार में सुपारी लेकर कई हत्याओं को अंजाम दिया है। पुलिस की पूछताछ में उसने 31 अगस्त, 2014 को बलिया के उभाव थानाक्षेत्र में एक राजनीतिक व्यक्ति परशुराम मिश्र और उनके बेटे की हत्या करने की बात कबूली। इसके अलावा 23 नबंवर, 2014 को मोनू चवन्नी ने बिहार के सीवान में गीतांजलि होटल के बाहर एक व्यावसायी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस प्रकरण में बिहार पुलिस ने उस पर 10 हजार रुपये का इनाम रखा था।

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प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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