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मुख्य समाचार

पंजाब में हमले के बाद यूपी में हाईअलर्ट

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लखनऊ। पंजाब के गुरुदासपुर में दीनानगर थाने पर सोमवार सुबह हुए आतंकी हमले ने सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के माथे पर बल पड़ गया है। हमले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में भी हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है।

मथुरा, वाराणसी, कानपुर और गोरखपुर में चौकसी बढ़ा दी गई है। अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था दलजीत सिंह ने बताया कि राज्य में हाईअलर्ट जारी किया गया है। रेलवे स्टेशन बस स्टेशन, धर्मशाला जैसे सार्वजनिक स्थलों पर नजर रखने के लिए कहा गया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय खुफिया एजेंसी आईबीद्ध ने भी राज्य में गड़बड़ी की आशंका जताई है। आईबी ने हाईअलर्ट की रिपोर्ट दी है।

कांवड़ यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु पश्चिमी यूपी और आसपास के राज्यों से गंगाजल लाने के लिए हरिद्वार जाते हैं। पंजाब में आतंक के दौर में यह इलाका आतंकियों की गतिविधि का बड़ा केंद्र रहा है। साथ ही बीते कुछ वर्षो में खालिस्तान के आतंकियों की गतिविधियां नेपाल बॉर्डर से लगे यूपी के तराई इलाकों में देखने को मिली हैं। पिछले एक दशक के दौरान यूपी में दो बड़े आतंकी हमले रामपुर के सीआरपीएफ कैंप और अयोध्या में रामजन्म भूमि पर हो चुके हैं। ऐसे में पंजाब में हमले के बाद यूपी को लेकर भी चिंता बढ़ गई है।

केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे संगठन इस बार आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के साथ-साथ देश को सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंकने के फिराक में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले त्योहारों के समय यह संगठन बड़े पैमाने पर गड़बड़ी फैलाने की फिराक में है। खतरा वैसे तो पूरे देश में मंडरा रहा है, लेकिन कई दंगे झेल चुका उत्तर प्रदेश ऐसे तत्वों के खास निशाने पर है। पंजाब में हुए इस आतंकी हमले के बाद अयोध्या और रामपुर के सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमलों की यादें ताजा हो गई हैं। पांच जुलाई 2005 को पांच आतंकियों ने अस्थायी रूप से बने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर पर हमला किया था। जवाबी कार्रवाई में सीआरपीएफ ने पांचों आतंकियों को मार गिराया था। इस घटना में हथगोले की चपेट में आने से एक सिविलियन की भी मौत हो गई थी। सीआरपीएफ के तीन जवान भी शहीद हुए थे।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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