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अन्तर्राष्ट्रीय

यूक्रेन की संसद के बाहर हिंसक झड़प, 100 पुलिसकर्मी घायल

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कीव। यूक्रेन की संसद के बाहर सोमवार को उग्र राष्ट्रवादियों के साथ झड़प में 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए।

उग्र राष्ट्रवादी उस संविधान संशोधन से खफा हैं जिसके तहत देश के रूस समर्थक पूर्वी हिस्से को अधिक स्वायत्तता देने की बात कही गई है। इसी संशोधन के खिलाफ सोमवार को संसद के बाहर प्रदर्शन का आह्वान किया गया था। कीव के पुलिस प्रमुख अलेक्जेंडर त्रेशचुक ने कहा, “संसद भवन के पास प्रदर्शनकारियों से झड़प में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।”

यूक्रेन की कई दक्षिणपंथी पार्टियों के हजारों कार्यकर्ता देश की संसद वेरखोवना रादा के सामने हुए इस प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने संविधान संशोधन को रद्द करने की मांग की। हिंसा के बावजूद यूक्रेन की संसद ने 87 के मुकाबले 265 मतों से इस संविधान संशोधन को पारित कर दिया। जिस इलाके को अधिक स्वायत्तता दी गई है वह अभी रूस समर्थक शक्तियों के कब्जे में है। इस संशोधन के जरिए इस इलाके को यूक्रेन में बनाए रखने की कोशिश की गई है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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