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प्रादेशिक

यमुना में पानी छोड़ने के एनजीटी के आदेश से कार्यकर्ता खुश

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आगरा/मथुरा,स्थानीय पर्यावरणविदों और गैर-सरकारी संगठनों,राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण,अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार

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आगरा/मथुरा | स्थानीय पर्यावरणविदों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के सदस्यों ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के उस आदेश का स्वागत किया है, जिसमें उसने हरियाणा सरकार को हथिनी कुंड बांध से यमुना नदी में 10 क्यूसेक (10 मीटर प्रति सेकेंड) पानी छोड़ने के निर्देश दिया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि हालांकि पानी की यह मात्रा पर्याप्त नहीं है, लेकिन कम से कम कहीं से शुरुआत तो हुई है।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने ‘मैली से निर्मल यमुना पुनरुद्धार परियोजना’ के क्रियान्वय की समीक्षा करते हुए गुरुवार को हरियाणा सरकार को फटकार लगाई थी और कहा था कि सरकार यमुना में पानी छोड़ने के सर्वोच्च न्यायालय एवं एनजीटी के पूर्ववर्ती फैसले के क्रियान्वयन में अवरोध डाल रही है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश की सरकारों को भी यमुना में पानी छोड़ने से संबंधित मुद्दों पर शशि शेखर की अध्यक्षता वाली आधिकारिक समिति से बातचीत कर मामले का समाधान निकालने के निर्देश दिए गए थे।

इस समिति का गठन जनवरी 2015 में किया गया था, जिसमें राज्य सरकारों के पर्यावरण एवं जल संसाधन मंत्रालयों के सचिवों, सरकार के संबंधित विभागों के सचिवों, विभिन्न नगर निगमों के आयुक्तों और दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को शामिल किया गया है। ‘फ्रेंड्स ऑफ वृंदावन’ के संयोजक जगन्नाथ पोद्दार ने कहा, “यह मात्रा पर्याप्त नहीं है, लेकिन कम से कम शुरुआत तो की गई है।”

ब्रज बचाओ समिति के सदस्यों ने इसे स्वागतयोग्य कदम बताया। उन्होंने कहा कि यमुना में और ज्यादा मात्रा में पानी छोड़ा जाना चाहिए, जिसे हरियाणा सरकार ने कथित तौर पर हथिनी कुंड बांध में सिंचाई के लिए इकट्ठा कर रखा है। आगरा की ब्रज मंडल हेरिटेज कंजर्वेशन सोसायटी के श्रवण कुमार सिंह ने कहा, “नदी की पारिस्थितिकी को बनाए रखने के लिए यमुना में पानी छोड़ा जाना आवश्यक है। जल जीवों के जिंदा रहने के लिए नदी में पानी का होना जरूरी है।”

 

प्रादेशिक

इस्कॉन के चेयरमैन गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का निधन, देहरादून के अस्‍पताल में थे भर्ती

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देहरादून। इस्‍कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्‍यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का रविवार को निधन हो गया। हृदय संबंधी बीमारी के चलते उन्‍हें तीन दिन पहले देहरादून के सिनर्जी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्‍होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर है।

इस्कॉन मंदिर के डायरेक्टर कम्युनिकेशन इंडिया बृजनंदन दास ने बताया कि 5 मई को शाम 4 बजे नई दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज दो मई को दूधली स्थित मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां वह अचानक फिसलकर गिर गए थे। इससे उन्हें चोट लगी थी। उनका तीन दिनों से सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा था। भक्त उनके आखिरी दर्शन दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में कर सकेंगे। सोमवार को उनकी देह को वृंदावन ले जाया जाएगा। इसका समय अभी तय नहीं हुआ है।

 

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