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अन्तर्राष्ट्रीय

‘यमन में हर घंटे बिगड़ रहे हालात’

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saudi attack

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संयुक्त राष्ट्र। संकटग्रस्त यमन में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि यमन मे हर घंटे हालात और ज्यादा बिगड़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, यमन में 19 मार्च से लेकर छह अप्रैल के बीच 643 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 2,226 लोग घायल हुए हैं।

डुजारिक ने बताया कि यमन के बंदरगाह शहर अदन संघर्ष की चपेट में हैं। संघर्षरत पार्टियों के सदस्य अदन में यमन के गैर-सरकारी संगठन के कर्मचारियों सहित बहुत से स्वास्थ्यकर्मियों और स्वयंसेवकों का अपहरण कर उन्हें अज्ञात जगहों पर ले गए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि अपहृत लोगों की स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं है और इसलिए उनके प्रति चिंता बढ़ती जा रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि यमन में संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वयक जोहानस वान देर क्लॉव ने यमन के सभी पक्षों से तुरंत संघर्ष रोकने की अपील की है, ताकि मानवीय कार्य करने वाले संगठन और कर्मचारी यमन के संकटग्रस्त लोगों को सहायता पहुंचा सकें।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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