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मोदी-राहुल में नहीं कोई अंतर, केवल व्यापारियों के लिए करते हैं काम : अन्ना

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लखनऊ/बिजनौर। समाजसेवी अन्ना हजारे गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बिजनौर पहुंचे। बिजनौर में अन्ना हजारे ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व कांग्रेस नेता राहुल गांधी में कोई अंतर नहीं है, दोनों सिर्फ उद्योगपतियों के लिए काम करते हैं। जीवन विद्या प्रतिष्ठान गोविंदपुर खारी में वार्षिकोत्सव ‘मंथन’ के समापन पर आयोजित गोष्ठी में गुरुवार दोपहर पहुंचे अन्ना ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जिन उम्मीदों से आई थी, वे पूरी तरह धराशायी हो गई हैं। केंद्र सरकार अपना कोई भी वादा पूरा नहीं कर पा रही है। राहुल व मोदी में कोई अंतर नहीं है, दोनों जनता के लिए नहीं सिर्फ उद्योगपतियों के लिए काम करते हैं। अन्ना ने भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध करते हुए कहा कि भूमि का मालिक किसान है। उसकी मर्जी के बिना कोई भी उसकी भूमि को नहीं ले सकता। केंद्र सरकार अध्यादेश लाकर लोकतंत्र को खत्म करने पर तुली है। अन्ना ने कहा कि युवाओं पर ही देश निर्माण की जिम्मेदारी है। अन्ना के अलावा मंच पर मौजूद गोविंदाचार्य ने कहा कि विदेशी ताकतें हमारे देश को खोखला कर रही हैं। उन्होंने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने पर बल दिया। इससे पूर्व अन्ना हजारे का बिजनौर बैराज पर फूल मालाओं के साथ स्वागत किया गया।

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प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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