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मुख्य समाचार

मोदी की यात्रा के मद्देनजर सीमा पर अलर्ट

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अगरतला| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्वोत्तर क्षेत्र की यात्रा से पहले सुरक्षा बलों ने बांग्लादेश और म्यामांर से लगी देश की सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है। मोदी इसी माह के अंत में पूर्वोत्तर का दौरा करेंगे। यह जानकारी एक अधिकारी ने यहां शनिवार को दी। सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, “सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और असम राइफल्स को सीमा पर ज्यादा से ज्यादा निगरानी रखने को कहा गया है।”

बांग्लादेश से लगी सीमा की सुरक्षा बीएसएफ करती है जबकि असम राइफल्स के पास म्यामांर से लगी सीमा की सुरक्षा का जिम्मा है। भारत के चार राज्य -त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम और असम- बांग्लादेश के साथ 1,880 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं। जबकि मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश म्यांमार के साथ 1,640 किलोमीटर की बिना बाड़े की सीमा साझा करते हैं। मोदी विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करने के लिए पहली बार पूर्वोत्तर के पांच राज्यों का दौरा करेंगे। आखिरी बार वह भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर इन राज्यों के दौरे पर गए थे।

अपनी इस यात्रा के दौरान मोदी सिक्किम समेत पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों से 29 नवंबर को गुवाहाटी में मुलाकात करेंगे। उसी दिन वह गुवाहाटी में राज्य पुलिस प्रमुखों के वार्षिक सम्मेलन का भी उद्घाटन करेंगे। वह 29 नवंबर को त्रिपुरा जाएंगे, 30 नवंबर को मणिपुर, एक दिसंबर को नागालैंड और दो दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश जाएंगे। उनके यात्रा कार्यक्रम के समय में हालांकि कुछ परिवर्तन होने की संभावना है। नागालैंड में मोदी राज्य के सबसे बड़े महोत्सव, ‘हॉर्नबिल महोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे। वहीं मणिपुर में वह ‘संगाई महोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे, जिसमें मणिपुर के विभिन्न संस्कृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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