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मैच्योरिटी से पहले 75 फीसदी पीएफ ही निकाल सकेंगे!

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार मैच्योरिटी से पहले 58 साल की उम्र तक 75 फीसदी पीएफ निकासी की सीमा तय करने पर विचार कर रही है। यदि ऐसा हुआ तो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अंशधारक 58 वर्ष की आयु तक किसी भी समय 75 प्रतिशत तक ही कोष की निकासी कर सकेंगे। पीएफ से संबंधित वर्तमान प्रावधानों के अनुसार ईपीएफओ अंशधारक दो महीने तक खुद को बेरोजगार दिखाकर पूरी रकम निकाल सकते हैं।

प्रविडेंट फंड स्कीम में बदलाव से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी के लिए श्रम मंत्रालय के पास भेज दिया गया है। श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने कहा, हम अगले 10-15 दिनों में इस संबंध में फैसला करेंगे। केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त केके जालान ने भी कहा है कि प्रस्तावित बदलावों को अगले 10-15 दिनों में अधिसूचित किए जाने की उम्मीद है, क्योंकि इसे कर्मचारी यूनियनों की मंजूरी मिल गई है। जब जालान से पूछा गया कि क्या घर निर्माण करने, शादी, बच्चों की शिक्षा आदि जैसी परिस्थिति में भी 75 फीसदी निकासी सीमा लागू होगी। उन्होंने इस पर जवाब दिया कि हां, ऐसा ही होगा।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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