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अन्तर्राष्ट्रीय

मैं दुनिया का नहीं, अमेरिका का प्रतिनिधि, अमेरिकी हित सर्वोपरि : ट्रंप

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वाशिंगटन | दुनिया को अपने हितों और नजरिए के अनुरूप ढालने की हमेशा से चली आ रही अमेरिकी नीति से हटते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनका काम दुनिया का प्रतिनिधित्व करना नहीं है, बल्कि अन्य देशों के अपना रास्ता चुनने के अधिकार का सम्मान करते हुए अमेरिका के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है। ट्रंप ने मंगलवार रात को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा, “मेरा काम दुनिया का प्रतिनिधित्व करना नहीं है। मेरा काम अमेरिका का प्रतिनिधित्व करना है।”

ट्रंप ने ‘अमेरिका फर्स्ट’ की अपनी नीति का थोड़ा नरम पक्ष रखते हुए कहा कि अमेरिका ‘अन्य देशों के संप्रभुता के अधिकार का सम्मान करेगा।’ उन्होंने कहा, “आजाद देश में ही जनता अपनी इच्छा व्यक्त कर सकती है और अमेरिका सभी देशों द्वारा अपना रास्ता चुनने के अधिकार का सम्मान करता है।”

उन्होंने कहा, “लेकिन, हम जानते हैं कि अमेरिका का हित इसी में है कि दुनिया में कम संघर्ष हो।” ट्रंप ने अलग-थलग पड़ने की बात करने के बजाए कहा, “हमारी विदेश नीति दुनिया के साथ सीधा, मजबूत और सार्थक रिश्ता रखने की है। इसके लिए अमेरिका नए दोस्त तलाशेगा, साझा हितों के आधार पर नई भागीदारियां बनाएगा। हम सौहार्द और स्थिरता चाहते हैं, जंग और संघर्ष नहीं।”

अमेरिकी नेतृत्व के बारे में उन्होंने कहा, “यह दुनियाभर के हमारे सहयोगी देशों के साथ हमारे महत्वपूर्ण सुरक्षा हितों पर आधारित है।” ट्रंप के मंगलवार के भाषण में 20 जनवरी के उनके शपथ ग्रहण भाषण में पेश किए गए ‘अमेरिका फर्स्ट’ के एजेंडे में थोड़ा नरम रुख दिखाई दिया।

ट्रंप ने एक बार फिर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) को ‘तबाह और बर्बाद करने’ का वादा दोहराया। उन्होंने कहा कि यह ऐसे गैरकानूनी नृशंस हैं जो मुसलमानों और इसाईयों, पुरुषों, महिलाओं, बच्चों और सभी धर्मो-विश्वासों के लोगों का संहार करते हैं।

ट्रंप ने कहा, “हम अपने इस दुश्मन का धरती से नामो निशान मिटाने के लिए मुस्लिम समाज के अपने दोस्तों और सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेंगे। ”

राष्ट्रपति ने नाटो और अन्य सहयोगियों के प्रति समर्थन जारी रखने के आश्वासन के साथ फिर अपनी शर्त दोहराते हुए कहा कि सभी देशों को इसके लिए आर्थिक भागीदारी का दायित्व निभाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “और अब, हमारी बेहद मजबूत और मित्रवत चर्चा के बाद वे ऐसा ही करने लगे हैं।” ट्रंप ने कहा, “हम नाटो से लेकर मध्य पूर्व और प्रशांत तक सामरिक और सैन्य अभियानों में अपने साझेदारों की सीधी और सार्थक भूमिका की उम्मीद करते हैं और साथ ही चाहते हैं कि वे इसमें समुचित आर्थिक भागीदारी निभाएं।”

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वह मुक्त व्यापार में विश्वास करते हैं, लेकिन मानते हैं कि यह सही नहीं है कि इससे लाखों अमेरिकी नौकरियों का नुकसान हो।

उन्होंने कहा, “मैं अमेरिका और उसकी कंपनियों और कर्मचारियों की कीमत पर औरों को और अधिक लाभ नहीं उठाने दूंगा।”

अन्तर्राष्ट्रीय

इमरान खान का सनसनीखेज आरोप, कहा- पाक सेना रच रही मेरी हत्या की साजिश

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। इमरान खान ने कहा कि उन्हें या उनकी पत्नी को कुछ भी होता है तो सीधे तौर पर सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर जिम्मेदार होंगे। इमरान ने दावा करते कहा है कि पाकिस्तान की सेना मेरी हत्या करवाना चाहती है।

इमरान खान ने कहा कि देश की स्थिति इतनी भयावह है कि उनके जैसा नेता जेल में बंद हैं। उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत जेल में रखा गया है। ब्रिटेन के ‘डेली टेलीग्राफ’ अखबार के लिए रावलपिंडी की अदियाला जेल से लिखे गए एक स्तंभ में क्रिकेटर से नेता बने 71-वर्षीय खान ने अपने पिछले दावे को दोहराया कि अगर उन्हें या उनकी पत्नी को कुछ भी हुआ तो इसके लिए सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर जिम्मेदार होंगे।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक खान ने कहा कि नकदी संकट से जूझ रहा देश “खतरनाक चौराहे” पर है और सरकार “हंसी का पात्र” बन गई है। उन्होंने लिखा है, ‘‘सैन्य प्रतिष्ठान ने मेरे खिलाफ वह सब कुछ किया जो वे कर सकते थे। अब उनके लिए बस मेरी हत्या करना बाकी है।” उन्होंने कॉलम में लिखा है, ‘‘मैंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि अगर मुझे या मेरी पत्नी (बुशरा बीबी) को कुछ भी होता है, तो जनरल असीम मुनीर जिम्मेदार होंगे, लेकिन मैं डरता नहीं हूं, क्योंकि मेरा विश्वास मजबूत है। मैं गुलामी के बजाय मौत को प्राथमिकता दूंगा।’’ इमरान खान ने चेतावनी दी कि देश उसी रास्ते पर चल रहा है, जिस पर वह 1971 में चला था, जब उसने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) खो दिया था।

 

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