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प्रादेशिक

मेरठ में चार बच्चों समेत छह की नृशंस हत्या

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लखनऊ। मेरठ में एक महिला और उसके चार बच्चों की हत्या कर दी गई। एक अन्य व्यक्ति की हत्या कर दी गई, जिसकी पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस को लगता है कि भूमि विवाद के कारण ये हत्याएं की गई।
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि हत्या सोमवार को सुहैल गार्डन में हुई। मृतक महिला की पहचान रुखसाना के रूप में हुई है, जो चार बच्चों- रिन्शा (20), सुहैल (12), जूली (8) और गुंजी (6) की मां थी। इन चारों बच्चों के शव घर के भीतर खून से सने पाए गए।
एक अज्ञात व्यक्ति की भी हत्या की गई। पुलिस का कहना है कि सभी छह लोगों की हत्या तेजधार हथियार से की गई। पुलिस को सबसे पहले गुज्जर चौक पर अज्ञात व्यक्ति और रुखसाना के शव मिले, जिसके बाद वे और अधिक जानकारी जुटाने उसके घर गए। लेकिन पुलिस टीम वहां जाकर हैरान रह गई, जब उन्होंने देखा कि घर में चार बच्चों के शव पड़े हैं।
रुखसाना का पति नवेद फिलहाल हत्या के प्रयास के मामले में जेल में बंद है। उसका भूमि को लेकर अपने ही भाई से कानूनी झगड़ा चल रहा है।

उत्तर प्रदेश

यूपी में अबतक 6 हजार से अधिक युवाओं के उद्यम स्वीकृत

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लखनऊ। प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए शुरू की गई सीएम योगी आदित्यनाथ की फ्लैगशिप स्कीम ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’ (एमवाईएसवाई) और ‘मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना’ (एमएमजीआरवाई) ने शानदार प्रदर्शन किया है। प्रदेश में अब तक 6 हजार से अधिक युवाओं के छोटे बड़े उद्यमों को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत स्वीकृत किया जा चुका है। वहीं मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अंतर्गत स्वीकृत हुए 723 इकाइयों में से 605 को धनराशि प्रदान की जा चुकी है। हाल ही में प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के सामने प्रस्तुत की गई राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की त्रैमासिक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है।

7500 यूनिट्स को धनराशि प्रदान करने का लक्ष्य

उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक और बैंक ऑफ बड़ौदा के महाप्रबंधक समीर रंजन पांडा के अनुसार योजना का उद्देश्य प्रदेश के युवाओ को उद्यम शीलता के लिए प्रोत्साहित करने और अन्य युवाओं के लिए रोजगार का अवसर प्रदान करना है। इसके अंतर्गत राज्य सरकार युवाओ को वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रही है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सके और अपने व्यवसाय का सफलतापूर्वक संचालन कर सकें। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 7500 यूनिट्स को धनराशि प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष अबतक 6259 इकाइयों को सरकार की ओर से स्वीकृति मिल चुकी है। वहीं अबतक 5648 इकाइयों को धनराशि वितरित की जा चुकी है। इसमें शुरुआत में कुल मार्जिन मनी 14550 लाख रुपए तय की गई थी, जिससे अधिक अबतक 16360 लाख रुपए को स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि 14821 लाख रुपए युवाओं को वितरित भी किये जा चुके हैं। बात करें मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना की तो इसमें भी 800 इकाइयों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 90 प्रतिशत से अधिक यानी 723 इकाइयों को स्वीकृति मिल चुकी है और लक्ष्य का 76 प्रतिशन यानी 605 यूनिट्स को लाभान्वित किया जा चुका है।

युवाओं के उद्यम के सपने को साकार कर रही योजना

बता दें कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रारंभ की गई एक फ्लैगशिप योजना है। इस योजना को सितंबर 2018 में शुरू किया गया था। योजना का उद्देश्य प्रदेश के बेरोजगार युवाओ को उनके उद्यम के सपने को साकार करने के लिए वित्तीय सहायता और अन्य सहयोग प्रदान करना है। इसके अंतर्गत राज्य सरकार पात्र आवेदकों को इंडस्ट्री लगाने के लिए रु. 25लाख तक और सेवा क्षेत्र के लिए रु. 10 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराती है। इस योजना की नोडल एजेंसी डीआईसी, कानपुर है।

पात्रता के लिए 18 साल से ऊपर होनी चाहिए उम्र

मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थी को उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए, जिसकी उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता न्यूतम हाई स्कूल होना चाहिए और वह किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक का डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए। सभी स्रोतों से उसकी (ओबीसी, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग) वार्षिक आय 2 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए वहीं एससी-एसटी श्रेणी के लिए ये लिमिट ढाई लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।

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