Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

‘मुस्लिम होने की वजह से मुझे फ्लैट से निकाला’

Published

on

Misbah-kadri

Loading

मुंबई। महानगर में लगभग 5 साल से रह रही मॉडल मिस्बाह कादरी ने आरोप लगाया है कि उन्हें मुस्लिम होने की वजह से घर नहीं दिया जाता या उन्हें घर से यह कह कर निकाल दिया जाता है कि वह मुस्लिम हैं। मिस्बाह ने ये आरोप मुंबई की एक हाउसिंग सोसाइटी पर लगाए हैं। हालांकि सोसाइटी ने इन आरोपों का खंडन किया है। कादरी ने इस संदर्भ में बुधवार को राष्ट्रीाय अल्प संख्यलक आयोग से इसकी शिकायत की है।

25 वर्षीय मिस्बाह कादरी ने बताया कि मैं वडाला ईस्ट की सांघवी हाइट्स सोसायटी के तीन बेडरूम वाले फ्लैट एक सप्ताह पहले ही शिफ्ट हुई थी लेकिन जब वहां की सोसाइटी को पता चला कि मैं मुस्लिम हूं तो मुझे एक हफ्ते के भीतर ही निकाल दिया गया। मिस्बाह का कहना है कि इससे पहले लोअर परेल में पीजी लेते वक्त ब्रोकर ने कहा था कि अगर यहां रहना है तो आप मुस्लिम कपड़े न पहनें और अपना परिचय न उजागर करें।

दूसरी ओर जिस सांघवी हाइट्स सोसाइटी पर ये आरोप लगा है, उसके सुपरवाइजर राजेश ने कहा कि फ्लैट से निकाले जाने का कारण ब्रोकर और महिला के बीच का विवाद है। बिल्डिंग में मुस्लिमों को रहने दिया जाता है, कई परिवार रहते हैं। इस विवाद से सोसाइटी का कोई लेना-देना नहीं है। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताोह गुजरात के ही एक एमबीए ग्रेजुएट ने हीरा कंपनी पर मुस्लिम होने के चलते नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया था। अल्पहसंख्यतक आयोग इस आरोप की जांच कर रहा है।

इस घटना को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य गुलजार आजमी ने इस घटना के लिए हिंदूवादी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ”इससे पहले मुंबई में कभी ऐसा नहीं होता था। जब से नई सरकार बनी है और हिंदूवादी संगठन सक्रिय हुए हैं, तब से ऐसा हो रहा है। इधर, विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता सुरेंद्र जैन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कोई हिंदू किसी को मुस्लिम होने के कारण किसी को फ्लैट नहीं दे। कुछ लोग और संगठन मुस्लिम समाज के अंदर भय का माहौल बना कर अपनी दुकान चलाने की कोशिश कर रहे हैं।

Continue Reading

नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

Published

on

Loading

नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

Continue Reading

Trending