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मुख्य समाचार

मुकेश का पोता होना बेहतरीन उपहार : नील नितिन मुकेश

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मुंबई। अभिनेता नील नितिन मुकेश का कहना है कि उनके लिए दिग्गज गायक मुकेश का पोता होना ऊपर वाले का सबसे ‘बेहतरीन तोहफा’ है। मुकेश की बुधवार को 92वीं जयंती थी। इस दौरान उन्हें सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर और नील नितिन मुकेश ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

नील ने ट्विटर पर लिखा, “मेरे लिए उनके नाम से जुड़ा होना और उनके पोते के रूप में जन्म लेना भगवान का सबसे बेहतरीन तोहफा है। आज अपने दादाजी मुकेश जी की जयंती पर उन्हें याद कर रहा हूं।” नील ने ट्विटर पर ‘मेरा नाम जोकर’ फिल्म की एक मशहूर पंक्ति और अपने दादा जी की एक तस्वीर भी पोस्ट की।

वहीं, मुकेश के साथ कई गाने गा चुकीं लता मंगेशकर (85) ने ट्विटर पर लिखा, “नमस्कार। आज प्रसिद्ध गायक मुकेश भैया की 92वीं जयंती है। मैं उनको सुमन अंजलि अर्पण करती हूं। हम दोनों का गाया हुआ मेरा पसंदीदा गीत आप सबके लिए।”

उन्होंने ‘मिलन’ फिल्म में मुकेश के साथ गाए ‘सावन का महीना पवन करे शोर’ गाने का लिंक भी शेयर किया।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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