हेल्थ
मानसून में हर्बल साबुन से निखारें स्किन की रंगत
नई दिल्ली| बारिश के मौसम में वातावरण में मौजूद नमी आपकी त्वचा को प्रभावित कर सकता है, ऐसे में कुछ मामूली बदलाव और आयुर्वेदिक साबुन के इस्तेमाल से त्वचा की चमक व ताजगी बरकरार रखी जा सकती है। बायोटिक के सौंदर्य विशेषज्ञों और सोल फ्लॉवर के प्रबंध निदेशक शारदा ने मानसून के दौरान त्वचा की देखभाल से संबंधित ये सुझाव दिए हैं :
* आयुर्वेदिक और हर्बल साबुन त्वचा के पीएच बैलेंस को प्रभावित किए बिना सौम्यता से शरीर की अशुद्धियों को दूर करते हैं। इस मौसम में बैक्टीरिया और गंदगी से त्वचा को बचाना जरूरी है। ये साबुन त्वचा नें नमी बरकरार रखते हैं और इसे रिजूविनेट करते हैं।
आयुर्वेदिक साबुन जैसे बायो ऑलमंड ऑयल शरीर को पोषित करते हैं, जो प्राकृतिक पोषक तत्वों से समृद्ध होते हैं। वे बादाम, मारगोसा, नारियल तेल, हल्दी आदि से युक्त होते हैं, जो त्वचा को मुलायम बनाते हैं।
* गुलाब के सत्वों से बना साबुन त्वचा में प्राकृतिक नमी बरकरार रखते हुए चमक और निखार लाता है। गुलाब का तेल और पंखुड़ियां त्वचा के दाग-धब्बों को दूर करते हैं।
* मानसून में लैवेंडर साबुन का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इसके जीवाणुरोधी गुण त्वचा में हो रही जलन और खुजली को दूर करते हैं, इसकी खुशबू ताजगी और सुकून का अहसास कराती है।
* चारकोल साबुन तैलीय और मिश्रित त्वचा के लिए मानसून में अच्छा विकल्प है। साबुन में मौजूद एक्टिवेटेड बैंबू चारकोल गंदगी, टॉक्सिन और अशुद्धियों को दूर कर त्वचा के रोम छिद्रों को खोल देते हैं। ये मुंहासे, दाग-धब्बे भी दूर करते हैं।
* पपीता और खीरा युक्त साबुन सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त होता है। यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटा कर रोम छिद्र खोल देता है और मुंहासों को नियंत्रित कर दाग-धब्बे कम करता है। इसके इस्तेमाल से त्वचा कोमल हो जाती है। यह त्वचा में नमी बरकरार रखता है।
लाइफ स्टाइल
दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज
नई दिल्ली। अनियमित लाइफ स्टाइल व तला भुना जंक फूड दिल से जुड़ी बीमारियों की मुख्य वजह बन गया है। स्टडीज़ के अनुसार, अगर आप अपने दिल की सेहत में सुधार करना चाहते हैं, तो इन 4 तरह के खाने से दूरी बना लें।
तला हुआ खाना
कई शोध से पता चला है कि सैचुरेटेड फैट्स शरीर में बैड कोलेस्ट्ऱॉल की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं। रेड मीट, फ्रेंच फ्राइज़, सैंडविच, बर्गर आदि जैसे फूड्स LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाते हैं, जिससे स्ट्रोक और दिल के दौरे का ख़तरा बढ़ जाता है।
चीनी युक्त सोडा या फिर केक
चीनी को मीठा ज़हर ही कहा जाता है। केक, मफिन, कुकीज़ और मीठी ड्रिंक्स शरीर में सूजन का कारण बनते हैं। चीनी का ज़्यादा सेवन शरीर में फैट्स बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज़, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
लाल मांस
रेड मीट सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होता है, जिसकी वजह से धमनियों में प्लाक जम सकता है। जिनको मटन खाने का शौक है, उन्हें वह हिस्सा खाना चाहिए जिसमें ज़्यादा प्रोटीन और कम फैट हो। अगर आप चिकन खा रहे हैं तो ब्रेस्ट, विंग्ज़ वाला हिस्सा में ज़्यादा प्रोटीन होता है और कम फैट। वहीं, मछली सबसे हेल्दी और अच्छा ऑप्शन है।
सफेद चावल, ब्रेड या फिर पास्ता
सफेद ब्रेड, मैदे, चीनी और प्रोसेस्ड तेल को मिलाकर तैयार किए जाने वाले फूड्स में किसी भी तरह का फायदा नहीं होता। ऐसा ही सफेद पास्ता के साथ भी है। सफेद चावल में फाइबर की मात्रा कम होती है, इसलिए दिल की सेहत के लिए इसका ज़्यादा सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
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