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मप्र में फिर 2 किसानों ने दी जान, संख्या 19 दिन में 34 हुई

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उज्जैन/बड़वानी, 30 जून (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला थम नहीं रहा है, कर्ज से परेशान दो और किसानों ने फांसी लगाकर जान दे दी।

राज्य में किसान आंदोलन के बाद आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 19 दिन में 34 हो गई। उज्जैन जिले के खाचरौद थाने के भेसोला निवासी बाबूलाल (35) ने शुक्रवार की सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों का कहना है कि उस पर साहूकार और बैंक का कर्ज था। उसकी सोयाबीन की फसल भी खराब हो गई, जिससे वह तनाव में था। कर्ज के कारण बढ़ते तनाव की बात वह परिवार से अक्सर किया करता था। वहीं, पुलिस का कहना है कि वह मामले की जांच कर रही है।

उधर, बड़वानी जिले के मेणीमाता गांव में कर्ज से परेशान किसान मिनसा आदिवासी (32) ने गुरुवार की रात आने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

परिवार के एक सदस्य के मुताबिक, मिनसा कर्ज को लेकर परेशान था। उसने सामूहिक खाते पर किसान क्रेडिट कार्ड से दो लाख रुपये का कर्ज लिया था, उसे बैंक का नोटिस भी आया था।

पलसूदा थाने के प्रभारी राजेंद्र हिंगले ने बताया कि मिनसा का परिवार अभी शोक में है, शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों के बयान अभी नहीं लिए गए हैं।

इससे पहले, बुधवार को सीहोर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के बड़नगर गांव के किसान जगदीश चौधरी (45) ने जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी थी। कोतवाली पुलिस जांच कर रही है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में 19 दिन में आठ किसान आत्महत्या कर चुके हैं। राज्य में किसान आंदोलन 1 से 10 जून तक चला था। आंदोलन के दौरान 6 जून को पुलिस की कार्रवाई में 6 किसानों की जान गई थी। उसके बाद से अब तक 34 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।

खुद को किसान हितैषी बताने वाली शिवराज सरकार का कहना है, कोई किसान कर्ज के कारण नहीं, बल्कि नशा या पारिवारिक कलह की वजह से आत्महत्या कर रहा है।

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नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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