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मप्र में एक माह में 40 -50 लाख डेबिट रुपे कार्ड बटेंगे

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मध्य प्रदेश, कैशलेस लेन-देन, बैंकों, डेबिट कार्ड, पर्यटन स्थलों, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जन-जागरण अभियान

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मध्य प्रदेश, कैशलेस लेन-देन, बैंकों, डेबिट कार्ड, पर्यटन स्थलों, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जन-जागरण अभियान

डेबिट रकार्ड

भोपाल| मध्य प्रदेश में कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए चल रही कोशिशों के क्रम में बैंकों ने आगामी एक माह में 40 से 50 लाख डेबिट रुपे कार्ड बांटने की रणनीति बनाई है।  वहीं, धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर पीओएम (प्वाइंट ऑफ सेल मशीन) लगाने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग में कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने का अभियान चलेगा। इसके लिए सभी जिलों में जन-जागरण अभियान चलाया जाएगा। काले धन की अर्थव्यवस्था को समाप्त करने का यह एकमात्र उपाय है।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान रिजर्व बैंक और राज्य स्तरीय बैंकर्स समन्वय समिति द्वारा कैशलेस लेन-देन के संबंध में की गई तैयारियों की जानकारी दी गई। बताया गया कि अगले एक माह में बैंकों द्वारा लगभग 40 से 50 लाख डेबिट रुपे कार्ड वितरित किए जाएंगे। असंगठित क्षेत्र के लिए बैंकों में पर्याप्त संख्या में प्री-पेड कार्ड उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने वाले अभियान के माध्यम से लोगों को जागरूक और प्रशिक्षित किया जाएगा। अभियान के तहत जन-जागरण, प्रशिक्षण और कैशलेस लेन-देन के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी।

उन्होंने निर्देश दिए कि सभी शासकीय भुगतान ऑनलाइन किए जाएं। व्यापारियों की दुकानों में पीओएस मशीन लगाने और मोबाइल के माध्यम से पेमेंट करने के संबंध में जागरूकता अभियान चलाए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।  इसके अलावा सभी एटीएम बूथों में नकदी की उपलब्धता की मॉनीटरिंग करने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों, खाद-बीज और दवाइयों की दुकानों पर पीओएस मशीनें लगवाने का भी आदेश जारी किया गया है।

उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों में फीस, निर्माण कार्यो में मजदूरी और राज्य शासन द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर शुल्क के भुगतान के लिए और धार्मिक तथा पर्यटक स्थलों पर पीओएस मशीनें लगाई जाएं। सभी कार्यालय प्रमुख अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित कराएं।  उन्होंने कहा कि सभी जिलों में जिलाधिकारी इस अभियान का नेतृत्व करें, इसके माध्यम से टैक्स आधार बढ़ेगा और गड़बड़ियां समाप्त होंगी। सभी जिलों में लक्ष्य तय करके काम किया जाएगा। विद्यार्थियों को इस अभियान के तहत मास्टर ट्रेनर बनाएं।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि व्यापारी, अधिकारी-कर्मचारी और आम जनता को कैशलेस लेन-देन के लिये प्रशिक्षित किया जाए। जिला प्रशासन जन-धन योजना के सभी खाताधारकों को रुपे कार्ड वितरण के लिए शिविर लगाएं।  शिविरों में पंच-सरपंच और ग्रामीणों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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