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मुख्य समाचार

मदर टेरेसा पर शिवसेना ने किया भागवत का समर्थन

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शिवसेना ने मदर टेरेसा को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के बयान पर उनकी प्रशंसा करते हुए इसे ‘राष्ट्र सेवा’ करार दिया। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में बुधवार को प्रकाशित संपादकीय में कहा, “उन्होंने जो कुछ भी कहा वह सच है, क्योंकि ईसाई मिशनरीज का मुख्य काम भारत और विश्वभर में सदियों से धर्मातरण कराना रहा है।”

संपादकीय में पूर्वोत्तर के राज्यों, झारखंड और छत्तीसगढ़ के जनजातीय इलाकों का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि धर्मातरण सेवा के नाम पर किया गया और लोगों को भोजन, कपड़े और पैसे का लालच दिया गया।

सामना के मुताबिक, “मिशनरीज सेवा और धन के नाम पर लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। वे लोगों से कहते हैं कि चूंकि हिंदू धर्म आपको भौतिक वस्तुएं प्रदान नहीं करता, इसलिए आप ईसा मसीह के सेवक बन जाएं। इससे आपको लाभ मिलेगा।”

शिवसेना ने इस्लाम पर भी धर्मातरण करवाने का आरोप लगाया और कहा कि इस समुदाय के लोग तलवार के बल पर तथा धमकियां देकर लोगों का धर्मातरण करवाते हैं, जिसकी वजह से ये भी ईसाई मिशनरियों की तरह की कुख्यात हो गए हैं।

संपादकीय में हालांक ‘स्वैच्छिक धर्मातरण’ की आलोचना से परहेज किया गया है। इसमें कहा गया है, “कोई भी स्वैच्छिक धर्मातरण नहीं रोक सकता, लेकिन वे सेवा के नाम पर ऐसा करते हैं। यह ‘सेवा’ शब्द का दुरुपयोग है।”

शिवसेना ने हालांकि यह भी कहा कि वह मदर टेरेसा तथा मानवता के लिए जीवनर्पयत उनकी सेवा का सम्मान करती है। पार्टी के मुताबिक, इसी तरह की सेवा बाबा आम्टे, उनके बेटे प्रकाश आम्टे, अभय बांग और रानी बांग, इससे पहले संत गडजे महाराज जैसे लोगों ने भी की है और उन्होंने यह काम धर्मांतरण के बगैर किया।

पार्टी के मुताबिक, ऐसे में जबकि सेवा की आड़ में धर्मातरण हो रहा है, इस मुद्दे पर भागवत की टिप्पणी ‘राष्ट्र सेवा’ की तरह है। पार्टी ने ‘सामना’ में लिखा है, “भागवत ने यह बयान देकर राष्ट्र सेवा का काम किया है। हम उन्हें बधाई देते हैं। उन्होंने उस बात को औपचारिक रूप दिया है, जो बाल ठाकरे लंबे समय तक कहते रहे।”

गौरतलब है कि राजस्थान के भरतपुर में सोमवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था कि मदर टेरेसा ने धर्मातरण के लक्ष्य के साथ गरीबों की सेवा की थी।

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नेशनल

जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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