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नेशनल

मणिपुर के राज्यपाल सैयद अहमद सुपुर्द-ए-खाक

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मुंबई। मणिपुर के राज्यपाल सैयद अहमद की सोमवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। दक्षिण मुंबई के भायखला के रहमताबाद में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया। दिवंगत राज्यपाल के बेटे सैयद जीशान अहमद ने बताया कि उनके पिता सैयद अहमद (70) कैंसर से पीड़ित थे। उनका बांद्रा के लीलावती अस्पताल में निधन हो गया था, जहां वह पिछले सप्ताह भर्ती कराए गए थे।

उनके परिवार में पत्नी सैयद हसन तारा, दो बेटियां और बेटा जीशान हैं। अहमद की अंतिम यात्रा में विभिन्न पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं, परिवार के सदस्यों और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े उनके प्रशंसकों ने शिरकत की। महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.वी.राव ने सोमवार सुबह नागपाड़ा पहुंचकर अहमद को श्रद्धांजलि दी, जहां अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा गया था।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखेपाटिल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, राज्य और केंद्र के विभिन्न नेता और अन्य गणमान्य हस्तियों ने अंत्येष्टि में हिस्सा लिया। सैयद अहमद ने इसी साल 16 मई को मणिपुर के राज्यपाल पद की शपथ ली थी। इससे पहले सितम्बर 2011 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था।

सैयद अहमद दक्षिण मुंबई के नागपाड़ा से कांग्रेस के टिकट पर पांच बार विधायक चुने गए थे। बाद में उन्होंने दो सरकारों में मंत्रिपद संभाला था। सैयद अहमद की पत्नी सैयद हसन तारा को भेजे शोक संदेश में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, “मुझे डॉक्टर सैयद अहमद के निधन के बारे सुनकर बेहद दुख हुआ। अपने सार्वजनिक जीवन में उन्होंने राष्ट्र की पूरे मनोयोग से सेवा की।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सैयद अहमद के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा, “वह एक अनुभवी नेता थे। अपने लंबे राजनैतिक जीवन में उन्होंने कई जिम्मेदारियों को निभाया। उनके निधन से दुखी हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।”

उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी सैयद अहमद के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि गरीबों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों के लिए उन्होंने काफी काम किया था। महाराष्ट्र के बेघर लोगों के लिए भी उन्होंने आवास मंत्री रहने के दौरान काफी काम किया था।

सैयद अहमद हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ रखते थे। उन्होंने कई किताबें लिखी थीं। इनमें ‘कफस से चमन’, ‘जंगे आजादी में उर्दू शायर’, ‘मक्तल से मंजिल’ और उनकी आत्मकथा ‘पगडंडी से शहर तक’ उल्लेखनीय हैं।

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नेशनल

गिरिराज सिंह ने कांग्रेस को बताया देश के लिए काला धब्बा, कहा- उसे जनता से कोई सरोकार नहीं

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पटना। भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस को देश के लिए काला धब्बा बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को देश की जनता से कोई सरोकार नहीं है, वो सिर्फ और सिर्फ अपने राजनीतिक हितों के बारे में सोचती है। उन्होंने कहा, अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक जा सकती है। गिरिराज सिंह ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा आज की तारीख में कांग्रेस देश और लोगों के लिए काला धब्बा (Black Spot) बन चुकी है। कांग्रेस के नेता विदेशों में जाकर देश को गाली देते हैं।

गिरिराज सिंह ने कहा कि यही इन लोगों का चाल, चरित्र और चेहरा है। इन लोगों पर भरोसा करना देश को खतरे में डालने के बराबर है। बीजेपी नेता ने कहा कांग्रेस हमेशा से ही देश के लोकतंत्र को बदनाम करती आई है। कांग्रेस कभी भी देश के लोगों के भले के बारे में नहीं सोच सकती। कांग्रेस के नेताओं ने वैश्विक मंच पर हमेशा से ही देश को अपमानित किया है, जो किसी भी मायने में उचित नहीं है। यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए काला धब्बा बन चुकी है।

बता दें कि गिरिराज सिंह बीजेपी (BJP) के प्रखर नेताओं में से एक हैं, जो किसी ना किसी मसले को लेकर कांग्रेस पर हमलावर रहते हैं। शायद ही ऐसा कोई मुद्दा हो, जिसे लेकर वो कांग्रेस को घेरने से चूकते हों। उनके द्वारा दिए गए बयान हमेशा से ही सुर्खियों में रहते हैं। फिलहाल, वो बेगूसराय से सांसद हैं। इस बार भी उन्हें इसी सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया था, जहां से उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की। इस बार भी उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है।

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