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भाजपा-कांग्रेस समान रूप से दलित विरोधी : मायावती
नई दिल्ली/लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने आरक्षण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इन दोनों पार्टियों को आरक्षण विरोधी बताया है। दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मायावती ने मंगलवार को भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आरक्षण के मसले पर भाजपा और कांग्रेस समान रूप से दलित विरोधी हैं।
उन्होंने कहा कि भले ही ये दोनों पार्टियां एक-दूसरे के विपरीत खड़ी दिखती हों, लेकिन आरक्षण के मसले पर इनके सुर एक हैं। ये दोनों ही पार्टियां कभी नहीं चाहेंगी कि आरक्षण लागू रहे। मायावती ने इस मसले पर आरएसएस को भी कठघरे में खड़ा किया और कहा कि आरएसएस की व्यवस्था ऊंची जातियों के उत्थान वाली है। उन्होंने कहा कि दलितों को अधिकांश सरकारें अपमानित कर रही हैं। किसी पार्टी ने सच्चे मन से इनके हित के लिए काम नहीं किया।
सीबीआई जांच के मामले में मायावती ने कहा, “सीबीआई ने मुझे कल बात करने के लिए फोन किया था। वे एनआरएचएम मामले में जांच करना चाहते हैं। इस मामले को जानबूझकर लीक किया गया। वे इस मसले को सनसनीखेज बनाना चाहते थे।” एनएचआरएम मामले की जांच के मामले पर मायावती ने भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा सीबीआई का इस्तेमाल अपने राजनीतिक लाभ के लिए करना चाहती है।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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