Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

भाजपा, आरएसएस कर रहे संविधान बदलने की कोशिश : राहुल

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां गुरुवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उसके मार्गदर्शक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर संविधान बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए सभी विपक्षी दलों से इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ने को कहा। राहुल विपक्षी दलों को एकजुट करने के मकसद से जनता दल-युनाइटेड के बागी नेता शरद यादव द्वारा आहूत ‘साझा संस्कृति बचाओ’ सम्मेलन में शामिल हुए।

राहुल ने कहा कि आरएसएस सत्ता में आने के बाद तिरंगे को सलाम करने लगा है। यानी जब तक वह सत्ता में नहीं था, तब तक उसका तिरंगा नहीं था, उसका देश नहीं था। ये लोग प्रत्येक संस्थान, नौकरशाही, मीडिया और विश्वविद्यालयों में अपने लोगों को बिठा रहे हैं। जब ये हर जगह अपने लोगों को सेट कर लेंगे, तब कहेंगे कि ये देश हमारा है।

उन्होंने कहा, यदि हमें उनसे लड़ना है तो हमें एकजुट होकर लड़ना होगा।

राहुल ने कहा कि कांग्रेसियों को विश्वास है कि वे देश से जुड़े हुए हैं और कुछ करना चाहते हैं, जबकि भाजपा और आरएसएस का कहना है कि यह देश सिर्फ उन्हीं का है।

राहुल ने कहा कि आरएसएस के एक प्रमुख नेता ने आजादी के आंदोलन के दौरान ब्रिटिशों को जेल से अपनी रिहाई के बदले माफी मांगने का पत्र लिखा था।

उन्होंने कहा, वे अपनी आजादी के लिए गुहार लगा रहे थे। आरएसएस को छोड़कर कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी के किसी भी नेता ने ब्रिटिशों से गुहार नहीं लगाई।

राहुल ने भाजपा और आरएसएस पर पीछे से हमला करने का आरोप लगाया।

राहुल ने गुजरात में अपने काफिले पर पथराव करने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा, जब मेरे काफिले पर पथराव किया गया और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा काले झंडे दिखाए गए। मैं उनसे बात करने के लिए वहां रुक गया, लेकिन जैसे ही मैं अपने वाहन से बाहर निकला और उनकी ओर गया। वे भाग गए।

राहुल ने कहा कि भाजपा ने हर साल दो करोड़ रोजगारों का सृजन करने और हर शख्स को 15 लाख रुपये देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने पर वे अपना वादा पूरा नहीं कर पाए।

इस सम्मेलन में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के डी. राजा, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला भी शामिल हुए।

Continue Reading

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

Published

on

Loading

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

Continue Reading

Trending