Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

बुंदेलखंड में ठंढ बढ़ी

Published

on

Loading

बांदा| उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड इलाके के सात जिलों में ठंड का असर बढ़ गया है। मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार सुबह इलाके में सबसे ज्यादा ठंड चित्रकूट और जालौन जिले में महसूस की गई, जहां न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

चित्रकूटधाम मंडल बांदा के केंद्रीय जल आयोग में स्थापित मौसम विभाग से मिले तापमान के आंकड़ों मुताबिक, बुधवार सुबह बांदा और ललितपुर का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस, चित्रकूट एवं जालौन में आठ डिग्री सेल्सियस, महोबा और झांसी का 10 डिग्री सेल्सियस और हमीरपुर में नौ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

इलाके में मंगलवार को बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी और ललितपुर का अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और चित्रकूट का 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मौसम विभाग के अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में कोहरा व हल्की बर्फबारी के बाद बुंदेलखंड इलाके में ठंड बढ़ गई है।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

Published

on

Loading

अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

Continue Reading

Trending