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मुख्य समाचार

बिहार : चक्रवाती तूफान में 32 मरे, मुआवजे की घोषणा

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पटना। बिहार के पूर्णिया, मधेपुरा सहित विभिन्न जिलों में मंगलवार रात आई आंधी ने भारी तबाही मचाई है। आंधी के कारण कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 100 लोग घायल हो गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री बुधवार को प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा भी लेंगे।

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी ने बताया कि चक्रवाती तूफान से पूर्णिया जिले में 25, मधेपुरा जिले में छह और मधुबनी जिले में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। ब्यास जी के अनुसार, राज्य के मधेपुरा, पूर्णिया, सहरसा, सुपौल, कटिहार, किशनगंज, दरभंगा और मधुबनी जिले में चक्रवाती तूफान के कारण हजारों मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उनके अनुसार, तबाही का आलम यह है कि राष्ट्रीय राजपथ के अलावा गांव में पहुंचने वाली सड़कों पर पेड़ और बिजली के खंभे गिरे हुए हैं, जिस कारण जहां-तहां वाहन खड़े हो गए हैं। कई क्षेत्रों में बिजली और संचार व्यवस्था ठप हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा, “मंगलवार रात राज्य के पूर्णिया, मधेपुरा, कटिहार, सहित कई जिलों में चक्रवाती तूफान के कारण जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। सभी प्रभावित जिलों के अधिकारियों को सर्वेक्षण कर रपट देने का निर्देश दिया गया है।” उन्होंने कहा कि मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपए अनुग्रह राशि देने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए गए हैं। नीतीश ने बताया कि अनुग्रह राशि का भुगतान आज से ही किया जाएगा।

मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण पर निकल गए हैं। वह स्थिति का जायजा लेंगे और पूर्णिया में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। पूर्णिया जिले के एक अधिकारी के अनुसार, पूर्णिया जिले के डगरूआ प्रखंड में सैकड़ों झोपड़ियां और एस्बेस्टस (टीन) की छतें उड़ गई हैं और मकान ढह गए हैं। उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र में सर्वेक्षण का काम जारी है।  अधिकारी के अनुसार, तेज आंधी के कारण 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें पूर्णिया के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मधेपुरा जिले में भी आंधी के कारण छह लोगों की मौत हो गई है, जबकि 25 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। मधेपुरा जिले के मुरलीगंज, बिहारीगंज और उदाकिशनगंज प्रखंड के कई गांव प्रभावित हुए हैं। कई इलाकों में विद्युत आपूर्ति ठप है। सड़कों पर बड़े-बड़े पेड़ गिर गए हैं, जिस कारण आवागमन प्रभावित है। उल्लेखनीय है कि कोसी का यह क्षेत्र प्रति वर्ष बाढ़ से प्रभावित होता रहा है, ऐसे में इस वर्ष बाढ़ के पूर्व यह चक्रवाती तूफान कहर बनकर आया है।  आपदा प्रबंधन विभाग का मानना है कि मौसम विभाग द्वारा चक्रवाती तूफान को लेकर कोई चेतावनी सरकार को नहीं दी गई थी।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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