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अन्तर्राष्ट्रीय

बर्ड फ्लू के आतंक का प्रभाव सुखना झील पर

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चंडीगढ़ |  चंडीगढ़ की सुखना झील हमेशा ही  सैलानियों से गुलजार रहने वाली  झील में पिछले एक पखवाड़े से सन्नाटा पसरा है। यह झील यहां के लोकप्रिय एक पर्यटन स्थलों में से एक है।

यहां के आकर्षण का प्रमुख केंद्र नौकाएं हैं, जो इन दिनों किनारों पर सूनी पड़ी हैं। यहां हमेशा दिखने वाली लगभग 200 बत्तखें और कलहंस भी बीते रविवार को गायब दिखे। कुछ कौए और अन्य पक्षियों को छोड़कर झील व इसके आसपास बमुश्किल ही कोई प्राणी नजर आया। यहां का सुसज्जित रास्ता सुबह और शाम की सैर करने वालों और फिटनेस को लेकर संजीदा लोगों का भी मुख्य अड्डा हुआ करता था।

दिसंबर के मध्य में बर्ड फ्लू के डर से यह महत्वपूर्ण स्थल बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दिसंबर के शुरुआती दिनों में लगभग 30 हंसों और बत्तखों की रहस्यमय तरीके से मौत के बाद भय की स्थिति बननी शुरू हुई। जांच के लिए भेजे गए नमूनों में से एक एच5एन1 विषाणु यानी बर्ड फ्लू से ग्रस्त मिला।

बर्ड फ्लू के डर के बाद प्रशासन ने हंसों और बत्तखों को खत्म कर दिया। जिला प्रशासन ने 19 दिसंबर से तीन किलोमीटर के दायरे में फैले इस पूरे झील परिसर में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी।

किसी भी यात्री, पर्यटक और सुबह या शाम की सैर करने वालों को परिसर के नजदीक जाने की इजाजत नहीं है। चंडीगढ़ पुलिस ने परिसर से 200 मीटर की दूरी पर नाकेबंदी कर रखी है।

बैरिकेड पर तैनात चंडीगढ़ की महिला पुलिसकर्मी ने आईएएनएस से कहा, “परिसर में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों और वन्यजीव अधिकारियों और कुछ पत्रकारों के अलावा किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है। यह पाबंदी अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगी।”

चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा में स्वास्थ्य और वन्यजीव अधिकारी बर्ड फ्लू के लक्षणों के लिए इस झील परिसर के आसपास रहने वाले लोगों की नियमित जांच कर रहे हैं।

सड़कें, पार्किं ग तथा अन्य जगहों सहित पूरे परिसर में सफेद बोरिक पाउडर का छिड़काव किया गया है।

जयपुर से चंडीगढ़ घूमने आए धीरज आहूजा ने आईएएनएस को बताया कि “हम इस झील को देखने आए थे, क्योंकि हमने इसकी सुंदरता के बारे में बहुत कुछ सुना था, लेकिन इसे न देख पाने से हमें बेहद निराशा हुई है।”

झील पर बने व्यावसायिक परिसर में खाद्य पदार्थो की कुछ दुकानों और सामान्य दुकानों को पिछले लगभग तीन सप्ताह से रोजाना दो लाख रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा है।

बच्चों का छोटा मनोरंजन पार्क भी सूना पड़ा है। झील क्रीड़ा परिसर में क्लब हाउस, खेलकूद और जल क्रीड़ा की सुविधाएं मौजूद हैं और यह शादी और अन्य समारोहों के लिए भी एक लोकप्रिय स्थान है।

सुबह और शाम की सैर करने वाले लोग खास तौर पर निराश हैं।

वकील सुनील पार्ती ने आईएएनएस से कहा, “मैं पिछले तीस साल से रोजाना इस झील किनारे टहलता हूं। इस क्षेत्र में प्रवेश पर पाबंदी लगने के बाद मैं सैर के लिए अन्य पार्को और सड़कों पर जा रहा हूं, लेकिन इस झील जैसा नजारा वहां नहीं है। मैं झील के आसपास के सैर को याद कर रहा हूं।”

प्रशासन ने झील के पानी के संक्रमित होने के डर से झील परिसर में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। विभिन्न प्रयोगशालाओं में भेजे गए जल और पक्षियों के नमूने निगेटिव पाए गए हैं। शहर की शान इस झील को वापस पटरी पर लौटने में कुछ और दिनों का समय लग सकता है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में खाई में गिरी बस, 28 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में बलूचिस्तान में दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां एक बस के खाई में गिर जाने से 28 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हैं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बस ग्वादर से क्वेटा जा रही थी। इसी दौरान बस का एक टायर फट गया और अनियंत्रित होकर नाले में गिर गई। हादसे में घायल लोगों को इलाज के लिए बसिमा सिविल अस्पताल पहुंचाया गया है। सूत्रों ने कहा, कुछ घायलों की हालत गंभीर है, इसलिए मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है।” ।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि इस कठिन समय में हम शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़े हैं। प्रधानमंत्री शरीफ और बुगती ने अधिकारियों को घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया है।

सीएम बुगती ने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की। पाकिस्तान में सड़कों की हालत खराब होने से अक्सर हादसे होते रहते हैं। इसकी मुख्य वजह निवेश की कमी बताई जा रही है।

 

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