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मुख्य समाचार

कांग्रेस विधायक अजय राय व ललितेशपति गिफ्तार

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सोमवार को साधु-संतों की प्रतिकार यात्रा के दौरान हुई हिंसक झड़प के मामले में पुलिस ने मंगलवार को कांग्रेस के पिंडरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक अजय राय व मिर्जापुर के मड़िहान से विधायक ललितेशपति त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया। कांग्रेस ने दोनों विधायकों की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेशपति त्रिपाठी को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस हालांकि ललितेशपति त्रिपाठी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेशपति त्रिपाठी की गिरफ्तारी पर अभी कुछ नहीं बोल रही है।

इधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थप्रिय श्रीवास्तव ने कहा कि अजय राय की गिरफ्तारी अन्यायपूर्ण है। उन्हें तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। प्रदेश की सपा सरकार की मंशा साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस तरह उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिकता बढ़ रही है, वह बहुत ही निंदनीय है। इससे ध्यान भटकाने के लिए और कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने के लिए अजय राय को गिरफ्तार किया गया है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस तरह अराजक तत्वों ने पथराव किया, उससे सरकार और प्रशासन की अक्षमता उजागर हुई है। इससे पहले, बनारस में ‘अन्याय प्रतिकार यात्रा’ में हिंसक बवाल के बाद मंगलवार को जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। इस मामले में दशाश्वमेध पुलिस ने श्रीविद्यामठ के स्वामी अविमुक्ते श्वरानंद, बाबा बालक दास और कांग्रेस विधायक अजय राय सहित कुल 58 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने बताया कि अभी और लोगों की गिरफ्तारियां होंगी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर काफी लोग चिह्न्ति किए गए हैं। जो लोग इस बवाल में संलिप्त रहे, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों साधु-संतों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को संत समाज की ओर से प्रतिकार यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा में करीब 8 से 10 हजार लोग शामिल हुए थे। इस दौरान कुछ उपद्रवी तत्वों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद हालात बिगड़ गए और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसूगैस के गोले छोड़ने पड़े।

पुलिस महानिदेशक कार्यालय के मुताबिक, इस घटना में 16 अधिकारी एवं कर्मचारी घायल हुए थे, जबकि अन्य 12 लोग भी घायल हुए थे, जिनमें दो पत्रकार भी शामिल हैं। सभी का इलाज चल रहा है।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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