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मनोरंजन

बड़जात्या ने ‘प्रेम’ को अमर बना गए

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नई दिल्ली| हिंदी सिनेप्रेमियों को साफ-सुथरी प्रेम कहानियां देने के लिए विख्यात राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता-निर्देशक सूरज राजकुमार बड़जात्या 22 फरवरी को जीवन के 51वें वसंत में कदम रखने जा रहे हैं। उन्होंने राजश्री प्रोडक्शंस बैनर के तहत फिल्में बनाईं। इस बनैर की स्थापना 1947 में उनके पिता (दिवंगत) ताराचंद बड़जात्या ने की थी।

22 फरवरी, 1964 को मुंबई में जन्मे सूरज बड़जात्या एक मारवाड़ी परिवार से हैं। उन्होंने मुंबई के सेंट मेरी स्कूल व ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में पढ़ाई की। उन्होंने सलमान खान अभिनीत ‘मैंने प्यार किया’ (1989) से निर्देशन की शुरुआत की। फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त सफलता मिली। इसने सही मायने में बड़जात्या व सलमान दोनों के करियर को लांच किया। उन्होंने 1994 में एक बार फिर सलमान को लेकर ‘हम आपके हैं कौन’ और ‘हम साथ-साथ हैं : हम स्टैंड युनाइटेड’ (1999) फिल्म बनाई, जो एक समय में सबसे सफल फिल्म बन गई।

‘मैं प्रेम की दीवानी हूं’ बड़जात्या की चौथी फिल्म थी। यह उनके निर्देशन की पहली फिल्म थी, जो बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी। इसमें ऋतिक रोशन, करीना कपूर व अभिषेक बच्चन मुख्य भूमिका में हैं। लेकिन बड़जात्या असफलता से घबराए नहीं। उन्होंने ‘विवाह’ (2006) फिल्म से जोरदार वापसी की, जो ‘हम आपके हैं कौन’ के बाद उनके करियर की अतिसफल फिल्मों में से एक साबित हुई। इस फिल्म में शाहिद कपूर व अमृता राव ने मुख्य भूमिका निभाई।

बड़जात्या के फिल्मों की एक खास विशेषता यह है कि उनकी अब तक की सभी फिल्मों में मुख्य अभिनेता का नाम ‘प्रेम’ रहा है। उनकी ‘मैंने प्यार किया’, ‘हम आपके हैं कौन’, ‘हम साथ-साथ हैं’, ‘विवाह’, ‘मैं प्रेम की कहानी दीवानी हूं’ सभी फिल्मों में मुख्य अभिनेता का नाम प्रेम था। दूसरे शब्दों में कहें तो उन्होंने प्रेम को अमर बना दिया। उन्हें पारिवारिक फिल्मों का पोषक कहना भी गलत नहीं होगा।

बड़जात्या ने अपने पिता ताराचंद बड़जात्या से प्रेरणा लेकर महज 24 साल की उम्र में राजश्री के लिए अपनी पहली फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ का निर्देशन किया, जिसने हिंदी सिनेमा में एक इतिहास रचा। उनकी ‘मैंने प्यार किया’ और ‘हम आपके हैं कौन’ अब तक पिछले 80 सालों की शीर्ष 10 अतिसफल फिल्मों में शुमार हैं।

बड़जात्या की अगली फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ है। इसमें उनके चहेते अभिनेता सलमान खान हैं। इस फिल्म के जरिए सलमान और बड़जात्या करीब 15 साल बाद साथ में काम कर रहे हैं। साथ में उनकी पिछली फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ थी। वह जब इस फिल्म की कहानी लिख रहे थे, तभी उन्होंने कहा था कि वह इसमें सलमान को लेना चाहते हैं। उनके अनुसार, फिल्म की कहानी में सिर्फ सलमान ही फिट बैठते हैं।

उन्होंने कहा था, “मुझे इस फिल्म को शुरू करने की कोई जल्दी नहीं है। मैं सलमान का इंतजार करने के लिए तैयार हूं। जब भी सलमान भाई के पास समय होगा, जब भी वो तैयार होंगे, मैं उनके साथ फिल्म बनाऊंगा।”

‘प्रेम रतन धन पायो’ में अभिनेता नील नितिन मुकेश भी हैं। नील ने बड़जात्या की तारीफ करते हुए कहा था कि उनके साथ काम करना उनके लिए एक सपना सच होने जैसा है। उन्होंने बड़जात्या की सीधी-सादी व भावनात्मक कहानियों को बिना किसी आडंबर के पेश करने की शैली की तारीफ की।

नील ने ट्विटर पर लिखा था, “उनके साथ काम करने का मतलब एक सपना सच होने जैसा है। वह बेहतरीन फिल्म निर्देशकों में से एक हैं और सबसे बढ़कर एक अच्छे इंसान हैं।”

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हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भ‍िडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना

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मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज एक्‍टर जैकी श्रॉफ को आपने अक्सर ‘भ‍िडू’ शब्द का प्रयोग करते सुना होगा। कई बार उनसे मुलाकात के दौरान उनके फैंस भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब अगर आपने आगे से ऐसा किया तो आपको 2 करोड़ रु का जुर्माना देना पड़ सकता है। एक्‍टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भ‍िडू’ शब्‍द के इस्‍तेमाल पर दिल्‍ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्‍थानों के ख‍िलाफ केस किया है।

यह मामला उन संगठनों के खिलाफ दायर किया गया है जो जैकी श्रॉफ का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा ताकि अभिनेता के प्रचार अधिकारों की रक्षा की जा सके। मामले को कल 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

यह पहली बार नहीं है कि किसी बॉलीवुड अभिनेता ने गोपनीयता और प्रचार अधिकार के लिए अदालत से मदद मांगी है। इससे पहले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने लोगों को अभिनेता की नकल करने और उनकी सहमति के बिना उनकी आवाज का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

दूसरी ओर पिछले साल अनिल कपूर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा, इस साल जनवरी में अनिल कपूर ने केस जीत लिया। इसमें उन्होंने ‘झकास’ शब्द वाला तकिया कलाम, अपने नाम, आवाज, बोलने के तरीके, छवि, समानता और हावभाव की सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि इसका प्रयोग न किया जाए।

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